सुमित अंतिल: बनना चाहते थे पहलवान,अब जैवलिन में एक ही दिन में तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड
The Quint
Tokyo Paralympics 2020: भारत के सुमित अंतिल ने टोक्यो पैरालंपिक्स में जैवलिन थ्रो में नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया. India's Sumit Antil won the gold medal at the Tokyo Paralympics, setting a new world record in javelin throw.
भारत के सुमित अंतिल (Sumit Antil) ने टोक्यो पैरालंपिक्स (Tokyo Paralympics 2020) में शानदार प्रदर्शन करते हुए जैवलिन थ्रो क्लास F64 कैटेगरी में नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया है. सुमित ने फाइनल में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए 68.55 मीटर का थ्रो किया और अपने पहले ही पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता. छह थ्रो में उन्होंने अपने ही पिछले वर्ल्ड रिकॉर्ड को तीन बार तोड़ा. इससे पहले, टोक्यो ओलंपिक्स में नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीता था.सुमित ने पहले प्रयास में 66.95 मीटर के साथ फाइनल की शुरूआत की, लेकिन उन्होंने अपने पांचवें प्रयास में 68.55 मीटर का थ्रो किया और पहले स्थान पर रहे. सुमित ने दूसरे प्रयास में 68.08, तीसरे में 65.27, चौथे में 66.71 मीटर का थ्रो किया, जबकि उनका छठा और अंतिम थ्रो फाउल रहा.अपनी जीत के बाद सुमित ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, "मैं 70 मीटर का आंकड़ा छूना चाहता था, लेकिन मैं प्रदर्शन से बहुत खुश हूं. एक प्रतियोगिता में, मैं तीन बार वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ने में सफल रहा. और मैं गोल्ड मेडल जीतने में भी सक्षम था, मैं व्यक्त नहीं कर सकता कि मैं अभी कैसा महसूस कर रहा हूं."पैरा एथलीट सुमित अंतिल ने टोक्यो पैरालंपिक्स में जीता गोल्ड(फोटो: PTI)ADVERTISEMENTहादसे में गंवाया पैरजून 1998 में, हरियाणा के सोनीपत में एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्में सुमित अंतिल रेसलर बनना चाहते थे, लेकिन एक हादसे में पैर गंवाने के बाद उन्हें अपना ये सपना छोड़ना पड़ा. जनवरी 2015 में, ट्यूशन से लौटते समय एक दुर्घटना के कारण उनका पैर घुटने के नीचे से कट गया.पैरा एथलीट सुमित अंतिल ने टोक्यो पैरालंपिक्स में जीता गोल्ड(फोटो: PTI)उनके पिता एयरफोर्स में थे, इसलिए सुमित को सेना के अस्पताल ले जाया गया जहां उनका ऑपरेशन किया गया और अगले दो महीनों वो रिकवर हुए. फिर उन्हें पुणे के आर्टिफिशियल लिंब सेंटर में शिफ्ट किया गया. आर्टिफिशियल पैर लगने के बाद, उन्होंने रेसलर बनने के अपने सपने को तो छोड़ दिया, लेकिन वर्कआउट जारी रखा. जुलाई 2017 में, उनके गांव में एक पैरा-एथलीट ने उन्हें पैरालंपिक खेलों के बारे में बताया और जैसा कहते हैं, बाकी सब इतिहास की बात है.(इनपुट्स- Firstpost, IANS)ADVERTISEMENTनीरज चोपड़ा के खिलाफ भी मुकाबलादुबई में 2019 में हुए, वर्ल्ड चैंपियनशिप में, सुमित ने F64 जैवलिन थ्रो मे...More Related News