
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने तक समिति पेगासस मामलों पर जांच नहीं करेगी: पश्चिम बंगाल
The Wire
पेगासस जासूसी विवाद को लेकर केंद्र के साथ टकराव के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीते महीने नेताओं, अधिकारियों और पत्रकारों की जासूसी के आरोपों की जांच करने के लिए दो सदस्यीय जांच आयोग की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि पश्चिम बंगाल ऐसा क़दम उठाने वाला पहला राज्य है.
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल सरकार ने बीते बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता वाला उसका दो सदस्यीय आयोग पेगासस जासूसी मामले की जांच तब तक आगे नहीं बढ़ाएगा, जब तक यहां लंबित याचिकाओं पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कथित जासूसी की स्वतंत्र जांच के लिए एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया सहित कई याचिकाओं पर 17 अगस्त को केंद्र को नोटिस जारी किया था और कहा था कि वह इस मामले की 10 दिनों बाद सुनवाई करेगी. पीठ ने कहा था कि तभी इस पर तय किया जाएगा कि इसमें क्या रास्ता अपनाया जाना चाहिए. पहले सुनवाई के लिए ली गईं याचिकाएं सरकारी एजेंसियों द्वारा इजरायली कंपनी एनएसओ के स्पायवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके प्रतिष्ठित नागरिकों, नेताओं और पत्रकारों के खिलाफ कथित जासूसी की खबरों से संबंधित थीं. पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जांच आयोग के गठन के खिलाफ एनजीओ ‘ग्लोबल विलेज फाउंडेशन पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट’ की एक अलग याचिका बुधवार को जैसे ही सुनवाई के लिए आई, पीठ ने यह कहते हुए राज्य को अपनी जांच पर आगे नहीं बढ़ने का सुझाव दिया कि ‘यदि हम अन्य मामलों की सुनवाई कर रहे हैं, तो हम कुछ संयम की अपेक्षा करते हैं.’More Related News