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सुप्रीम कोर्ट ने सेक्स वर्क को पेशा माना, पुलिस को दी हिदायतें - प्रेस रिव्यू
BBC
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फ़ैसले में कहा है कि सेक्स वर्क एक पेशा है और पुलिस को इस पेशे में शामिल लोगों के जीवन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को हिदायत दी है कि बालिग और सहमति से यौन-संबंध बनाने वाले यौनकर्मियों के काम में हस्तक्षेप न करे. अदालत ने कहा कि पुलिस को उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामले के तहत कार्रवाई भी नहीं करनी चाहिए.
सेक्स वर्क को पेशे के तौर पर मान्यता देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानूनन इस प्रोफ़ेशन को भी सम्मान और सुरक्षा मिलनी चाहिए.
द हिंदू की ख़बर के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगर कोई यौनकर्मी बालिग है और अपनी इच्छा से इस पेशे में है तो पुलिस को उसे तंग नहीं करना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में संविधान के मूल अधिकारों का उल्लेख करते हुए, आर्टिकल 21 का हवाला दिया. कोर्ट ने कहा कि पेशा चाहे जो भी हो, इस देश में हर व्यक्ति को संविधान एक सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार देता है.
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि किसी भी अन्य नागरिक की तरह यौनकर्मी भी समान रूप से क़ानूनी संरक्षण के हक़दार हैं.