सुप्रीम कोर्ट ने म्युनिसिपल टैक्स वसूली मामले में रासुका लगाने पर यूपी सरकार को फटकारा
The Wire
सुप्रीम कोर्ट ने सपा नेता यूसुफ़ मलिक के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत लगाए गए आरोपों को ख़ारिज करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को चेतावनी दी कि बिना किसी ठोस आधार के एनएसए लगाने से राजनीतिक प्रतिशोध के आरोप लगते हैं.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता यूसुफ मलिक के खिलाफ लगाए गए एनएसए के आरोपों को खारिज करते हुए मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार को चेतावनी दी कि बिना किसी ठोस आधार के राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) को लागू करने से राजनीतिक प्रतिशोध के आरोप लगते हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने रामपुर जेल में बंद सपा नेता यूसुफ मलिक की तत्काल रिहाई का आदेश दिया, साथ ही नगरपालिका कर वसूली मामले के संबंध में नेता के खिलाफ रासुका लगाने के लिए राज्य सरकार को फटकार लगाई.
पीठ ने कहा, ‘राजस्व बकाया की वसूली के लिए रासुका लगाने पर हम हैरान हैं. मामले के रिकॉर्ड देखने के बाद हमारा मानना है कि यह स्पष्ट रूप से दिमाग न लगाने का मामला है. इसलिए हम रासुका को रद्द करते हैं व निर्देश देते हैं कि याचिकाकर्ता को तुरंत रिहा किया जाए.’
पीठ, जिसमें जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्ला भी शामिल थे, ने आगे निर्देश दिया कि बिना किसी देरी के मलिक को तुरंत जेल से रिहा करने के लिए सूचना रामपुर जिला न्यायाधीश को भेजी जाए.