
सुप्रीम कोर्ट ने नीट में ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए 8 लाख रुपये की सीमा निर्धारित करने पर सवाल उठाए
The Wire
कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या वह ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत आरक्षण पात्रता के लिए आठ लाख रुपये के मानक पर पुनर्विचार करेगी. कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण से इसकी तुलना करते हुए कहा कि आप असमान को समान बना रहे हैं. अदालत ने यह भी कहा कि वह नीति निर्धारण में हस्तक्षेप नहीं कर रही है बल्कि यह निर्धारित करने का प्रयास कर रही है कि संवैधानिक मूल्यों का पालन हुआ या नहीं.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बीते गुरुवार को केंद्र से यह बताने को कहा कि उसने नीट-अखिल भारतीय कोटा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के तहत आरक्षण के लिए पात्र होने की सीमा के रूप में आठ लाख रुपये की वार्षिक आय किस आधार पर तय की है.
न्यायालय ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या वह नीट या मेडिकल पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के निर्धारण के लिए आठ लाख रुपये वार्षिक आय की सीमा तय करने पर पुनर्विचार करेगी.
शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि वह नीति निर्धारण के क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं कर रही है बल्कि केवल यह निर्धारित करने का प्रयास कर रही है कि क्या संवैधानिक मूल्यों का पालन किया गया है अथवा नहीं.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ इस बात से खफा थी कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय तथा कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने हलफनामा दायर नहीं किया और कहा कि केंद्र एक हफ्ते के अंदर सवालों के जवाब दे.