सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की कोविड टीकाकरण नीति को मनमानापूर्ण क़रार दिया, समीक्षा के आदेश
The Wire
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा दो चरणों में संबंधित समूहों (45 वर्ष से अधिक उम्र) को टीके की मुफ़्त खुराक दी गई और अब राज्यों एवं निजी अस्पतालों को 18-44 साल आयु वर्ग के लोगों से शुल्क वसूलने की अनुमति दी गई है. अदालत ने यह भी जानना चाहा कि टीकाकरण के लिए निर्धारित 35,000 करोड़ रुपये अब तक कैसे ख़र्च किए गए हैं और इसका उपयोग 18 से 44 साल के लोगों के टीकाकरण पर क्यों नहीं किया जा सकता.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की उस कोविड टीकाकरण नीति को ‘प्रथम दृष्टया मनमानापूर्ण एवं अतार्किक’ करार दिया, जिसमें पहले दो चरणों में संबंधित समूहों को टीके की मुफ्त खुराक दी गई और अब राज्यों एवं निजी अस्पतालों को 18-44 साल आयु वर्ग के लोगों से शुल्क वसूलने की अनुमति दी गई है. #Breaking: The policy of the Centre for conducting free vaccination themselves for groups under the first 2 phases, and replacing it with paid vaccination by the State/UT and private hospitals for the persons between 18-44 years is, prima facie, arbitrary and irrational: SC pic.twitter.com/TeoBzAZB3q SC directs the Centre to clarify how the 35000 crores earmarked in the Union budget for procuring vaccines have been spent so far and why they cannot be utilized for vaccinating persons aged 18-44 years.#Covid19 #Vaccination pic.twitter.com/Qv7BcwxmuN SC directs the Centre to place on record a roadmap of projected availability of vaccines till 31 December 2021.#Vaccination #Covid19 pic.twitter.com/FmByGf4LqS There exists a digital divide in India, particularly between the rural and urban areas: SC#CoWIN #Covid19 #Vaccination #SupremeCourt pic.twitter.com/vGx9KrFhoU न्यायालय ने केंद्र को इसकी समीक्षा करने का आदेश दिया एवं कहा कि जब कार्यपालिका की नीतियां नागरिकों के अधिकारों का अतिक्रमण करती हैं तो अदालतें खामोश नहीं रह सकतीं. — The Leaflet (@TheLeaflet_in) June 2, 2021 — The Leaflet (@TheLeaflet_in) June 2, 2021 — The Leaflet (@TheLeaflet_in) June 2, 2021 — The Leaflet (@TheLeaflet_in) June 2, 2021 कोविड टीकाकरण नीति का विस्तार से मूल्यांकन करने का प्रयास करते हुए शीर्ष अदालत ने केंद्र से कई सूचनाएं मांगीं और यह भी जानना चाहा कि टीकाकरण के लिए निर्धारित 35,000 करोड़ रुपये अब तक कैसे खर्च किए गए हैं. न्यायालय ने यह भी पूछा कि आखिर कोष का उपयोग 18 से 44 साल के लोगों के टीकाकरण पर क्यों नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने नीति के संबंध में सभी संबंधित दस्तावेज एवं फाइल नोटिंग भी उपलब्ध कराने को कहा है.More Related News