
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के ‘राम भरोसे’ वाले फैसले पर रोक लगाई
The Wire
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश को सलाह के तौर पर लेना चाहिए और उसे लागू करने के लिए हरसंभव क़दम उठाने चाहिए. उत्तर प्रदेश के मेरठ जैसे शहर के एक मेडिकल कॉलेज में इलाज की बुरी स्थिति पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि शहरों का यह हाल है तो छोटे शहरों और गांवों के संबंध में राज्य की संपूर्ण चिकित्सा व्यवस्था राम भरोसे ही कही जा सकती है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें कहा गया था कि उत्तर प्रदेश के गांवों और कस्बों में समूचा चिकित्सा ढांचा ‘राम भरोसे’ है. कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा उत्तर प्रदेश को दिए गए निर्देश को दिशा-निर्देश के तौर पर नहीं, बल्कि सलाह के तौर पर लेना चाहिए. न्यायालय ने कहा कि हाईकोर्ट को ऐसे आदेश जारी करने से बचना चाहिए, जिसे लागू करना मुश्किल हो. एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बीते 17 मई को दिए अपने आदेश में कहा था कि 20 से अधिक बिस्तर वाले प्रत्येक नर्सिंग होम और अस्पताल के पास कम से कम 40 प्रतिशत बेड आईसीयू के तौर पर होने चाहिए और 30 से अधिक बेड वाले नर्सिंग होम को ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने की अनिवार्यता की जानी चाहिए. इसके साथ ही न्यायालय ने ये भी कहा था कि राज्य के सभी बी और सी ग्रेड के टाउन को कम से कम 20 एंबुलेंस और गांवों को दो एंबुलेंस दिया जाना चाहिए.More Related News