
सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा फ़ैसले से क्यों चर्चा में है केरल का श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर?
BBC
हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 25 सालों में मंदिर के ट्रस्ट के विशेष ऑडिट का आदेश दिया है. कई सालों से अनेक चुनौतियों का सामना कर रहे मंदिर के प्रबंधक और उसके ऑडिटरों के लिए ये एक नई समस्या है.
ऐसा लगता है कि केरल के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के लिए ही वो कहावत बनी है कि आप जितने संपन्न होंगे, आपकी समस्याएं और कानूनी लड़ाई उतनी ही बड़ी हो जाएगी.
दुनिया के इस सबसे संपन्न मंदिर के लिए हाल में सुप्रीम कोर्ट का एक फ़ैसला आया. शीर्ष अदालत ने मंदिर के ट्रस्ट के 25 सालों (1989-90 से 2013-14) के खातों की विशेष ऑडिट का आदेश दिया है. पिछले कई सालों से तमाम चुनौतियों का सामना कर रहे मंदिर के प्रबंधकों और उसके ऑडिटरों के लिए ताज़ा फ़ैसला एक नई चुनौती है.
अदालत द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) की एक रिपोर्ट और कुछ सालों पहले देश के तत्कालीन कैग (नियंत्रक एवं लेखा परीक्षक) विनोद राय ने खातों की एक सीमित ऑडिटिंग की थी. उसके बाद केरल सरकार को आनन-फानन में मंदिर की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करने को बाध्य होना पड़ा था.
उस ऑडिट रिपोर्ट में एक अनुमान लगाया गया था कि मंदिर के सभी 'कल्लारों' या तिजोरियों में लगभग एक लाख करोड़ रुपए के गहने पड़े हो सकते हैं. ये आंकड़े आने के बाद तब कई लोगों ने कहा कि इतनी राशि से तो भारत के राजकोषीय घाटे में ख़ासी कमी लाई जा सकती है. हालांकि मंदिर में मौजूद कई प्राचीन वस्तुओं का मूल्यांकन अब तक नहीं हो सका है.
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