)
सुखोई-30 MKI से कांपेगा चीन-पाक! फाइटर जेट में भारत ने बांधा 108 किलो विस्फोट वाला घातक बम
Zee News
Khagantak-225 Glide Bomb Su-30 MKI Fighter Jet: भारत ने सुखोई 30 MKI लड़ाकू विमान को अधिक ताकतवर बनाने के लिए इसमें स्वदेशी बम जोड़ दिया है. यानी सुखोई फाइटर जेट को अधिक शक्तिशाली बना दिया गया है. इसमें एकीकृत किया गया हुआ बम बेहद खतरनाक है.
Khagantak-225 Glide Bomb Su-30 MKI Fighter Jet: भारतीय वायुसेना दिन दोगुनी और रात चौगुनी रफ्तार से अपनी ताकत में इजाफा कर रही है. इसी कड़ी में अब सुखोई-30 एमकेआई (Su-30 MKI) फाइटर जेट को एयर भी घातक बनाया जा रहा है. भारत जो कदम उठाने जा रहा है, वह ना सिर्फ वायुसेना की मजबूती देगा, बल्कि आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगा. चलिए, जानते हैं कि भारत ने Su-30 MKI लड़ाकू विमान में ऐसा क्या जोड़ा है, जिस कारण चीन-पाकिस्तान की सांस फूल गई है.

India AI Based Weapon: भारत ने एक AI आधारित ऑटोनोमस लीथल वेपन सिस्टम Negev LMG विकसित किया है. ये दुश्मनों को पहचानकर निशाना बनाता है. 14,000 फीट की ऊंचाई पर इसका सफल परीक्षण किया गया है. इसकी खूबी है कि कठिन मौसम और जोखिम भरे इलाकों में बगैर मानव हस्तक्षेप के दुश्मनों से निपट सकता है. यह पाकिस्तान से घुसपैठ रोकने में प्रभावी साबित हो सकता है.

Internet History in India: भारत में इंटरनेट की शुरुआत 15 अगस्त, 1995 को हुई. शुरू में केवल कॉरपोरेट घराने और अमीर लोग ही इसका उपयोग कर पाते थे, क्योंकि लागत काफी अधिक थी.1998 की नई दूरसंचार नीति ने निजी कंपनियों को मौका दिया, जिससे ब्रॉडबैंड और साइबर कैफे का चलन बढ़ा. 2016 में Reliance Jio के 4G लॉन्च ने सस्ता डेटा दिया और स्मार्टफोन भारत के गांव-गांव पहुंचाया.

T-90 Bhishma Tank Power: टी-90 भीष्म भारतीय सेना का एक शक्तिशाली टैंक है. भारतीय सेना के पास 1000 से अधिक टी-90 टैंक हैं. इस टैंक की मारक क्षमता 5 किमी है, जिसमें 125mm स्मूथ बोर गन और गाइडेड मिसाइलें हैं. इस टैंक में 2 किमी रेंज वाली एंटी एयरक्राफ्ट गन है, जो हेलीकॉप्टर को भी निशाना बना सकती है. यह टैंक प्रति मिनट 8 राउंड फायर कर सकता है।

First Use of Cannon in India: आधुनिक युद्धों में मिसाइल, ड्रोन और लेजर हथियारों का उपयोग होता है, लेकिन प्राचीन काल में तोपें युद्ध की ताकत थीं. भारत में तोप का पहला उपयोग 1526 में पानीपत के बाबर ने किया. बाबर की छोटी सेना ने इब्राहिम लोदी की विशाल सेना को तुलुघमा रणनीति और अराबा तकनीक के साथ तोपों की मदद से हराया.