
सी-प्लेन की सवारी से बर्लिन स्टेशन तक नरेंद्र मोदी ने कई बार सुरक्षा प्रोटोकॉल को धता बताया है
The Wire
पंजाब में हुई कथित सुरक्षा चूक की जांच अवश्य होनी चाहिए, लेकिन यह प्रधानमंत्री के सुरक्षा प्रोटोकॉल में उल्लंघन की पहली घटना नहीं है. पूर्व एसपीजी अधिकारियों का कहना है कि आखिरी फैसला नरेंद्र मोदी ही लेते हैं और अक्सर सुरक्षा के तय कार्यक्रमों को अंगूठा दिखा देते हैं.
नई दिल्ली: पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई कथित चूक का मामला अब सर्वोच्च न्यायालय में है. केंद्र सरकार और पंजाब की राज्य सरकार के बीच इसको लेकर आपसी घमासान का दौर जारी है.
इस बीच सुरक्षा प्रतिष्ठान के कई लोग इस बात को लेकर हैरान हैं कि प्रधानमंत्री के सुरक्षा प्रोटोकॉल में इससे पहले हुई अन्य उल्लंघनों- जिनमें से कई वर्तमान प्रधानमंत्री से जुड़े हैं- ने राजनीति या मीडिया का ध्यान अपनी ओर क्यों नहीं खींचा.
स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के पूर्व अधिकारियों का कहना है कि आखिरी फैसला नरेंद्र मोदी लेते हैं और वे अक्सर सुरक्षा के तय कार्यक्रमों को अंगूठा दिखा देते हैं.
इसके उदाहरण के तौर पर एक घटना का उल्लेख हर किसी द्वारा समान रूप से किया जाता है, जब उन्होंने एक विदेशी पायलट के साथ एक सिंगल इंजन सी-प्लेन में उड़ान भरने की जिद की थी. उस पालयट के पास अनिवार्य सुरक्षा क्लीयरेंस नहीं था. एसपीजी की ब्लू बुक किसी भी रूप से इसकी इजाजत नहीं देती है.