
सीवर साफ़ करनेवालों की माँग, ठेकेदारी प्रथा ख़त्म हो
BBC
राजधानी दिल्ली में सीवर साफ करने वालों के बारे में कराए गए एक सर्वे का कहना है कि इन कर्मियों के साथ भारत का बुनियादी श्रम क़ानून भी नहीं लागू होता.
भारत की राजधानी दिल्ली में संविदा यानी कॉन्ट्रैक्ट पर सीवर सफाई का काम करने वालों पर भारतीय श्रम कानून के बुनियादी मानदंड भी लागू नहीं होते हैं.
उन्हें भविष्य निधि से लेकर ईएसआई एवं बीमा आदि की सुविधा नहीं मिलती है.
ये जानकारी दलित आदिवासी शक्ति अधिकार मंच द्वारा कराए गए एक सर्वे में सामने आई है.
दलित आदिवासी शक्ति अधिकार मंच ने गुरुवार शाम अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि "सीवर साफ़ करने का काम स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बेहद हानिकारक है. इसे करते हुए मौत भी होती है. ऐसे में सरकार को इस तरह के कामों में ठेकेदारी की प्रथा को पूरी तरह समाप्त करके सभी सीवर सफाई कर्मियों का नियोजन करना चाहिए."
सीवर की सफ़ाई करते हुए मरने वाले सरकारी गिनती में शामिल नहीं - फ़ैक्ट चेक