
सीबीआई के नए निदेशक का कार्यकाल बदलने का कारण बताने से केंद्र का इनकार
The Wire
दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 की धारा 4 बी (1) के अनुरूप सीबीआई निदेशक द्वारा उनकी सेवा शर्तों से संबंधित नियमों से कुछ विपरीत होने के बावजूद पद संभालने करने की तारीख से कम से कम दो वर्ष की अवधि के लिए पद पर बने रहने का प्रावधान है.
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने यह बताने से इनकार कर दिया है कि उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के नए निदेशक के कार्यकाल में मनमाने ढंग से ‘अगले आदेश तक’ लिखकर बदलाव क्यों किया. उनका यह कार्यकाल कम से कम दो साल का होने वाला था. सीबीआई के नए निदेशक के तौर पर सुबोध कुमार जायसवाल की नियुक्ति से पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने पूर्व के मानदंडों पर तीन पूर्व सीबीआई प्रमुखों अनिल सिन्हा, आलोक वर्मा और ऋषि कुमार शुक्ला की नियुक्ति की थी. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की ओर से 25 मई को जारी नोट में कहा गया, ‘मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने समिति द्वारा अनुशंसित पैनल के आधार पर सुबोध कुमार जायसवाल को कार्यकाल संभालने की तारीख से दो साल तक की अवधि के लिए ‘या अगले आदेश तक जो भी पहले हो’, केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी.’ इस आदेश के जवाब में हरियाणा के वकील और आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत कुमार ने चार जून को डीओपीटी में आरटीआई याचिका दायर की थी, जिसमें मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति के सचिवालय द्वारा जारी आदेश में ‘अगले आदेश तक या जो भी पहले हो’ के इस्तेमाल के संबंध में जानकारी मांगी थी.More Related News