
सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स मामले में जेल जाने की आई नौबत, क्या राष्ट्रपति चुनाव में उतर पाएंगे ट्रम्प?
AajTak
पिछले साल अगस्त में डोनाल्ड ट्रम्प के यहां FBI के छापे पड़े थे. इस दौरान उनके घर से 100 से ज्यादा क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट मिले थे. इस मामले में अब उनके खिलाफ आरोप तय हो गए हैं. ट्रम्प पर जो आरोप लगे हैं, उनमें अधिकतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान है.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद गोपनीय दस्तावेजों (क्लासिफाइड) रखने के आरोप तय हो गए हैं. अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, 76 साल के ट्रम्प पर गोपनीय फाइलों को अनाधिकृत तौर पर रखने समेत 7 आरोप हैं. खास बात ये है कि ट्रम्प पर जो आरोप लगे हैं, उनमें अधिकतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान है.
ट्रम्प जहां एक ओर 2024 में व्हाइट हाउस में वापसी के लिए प्रचार में जुटे हैं. तो वहीं दूसरी ओर इस केस में उनकी मुसीबतें बढ़ सकती हैं. उधर, ट्रम्प ने गुरुवार को कहा कि वे निर्दोष हैं. उन्हें मंगलवार को फ्लोरिडा में एक संघीय अदालत में पेश होने के लिए बुलाया गया है, जहां उनकी गिरफ्तारी हो सकती है और उनके खिलाफ आरोपों पर सुनवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति के साथ ऐसा हो सकता है.
ट्रम्प के वकील जिम ट्रस्टी ने मीडिया से बातचीत में कहा, पूर्व राष्ट्रपति को भेजे गए समन में आरोपों के बारे में जानकारी दी गई है. उन्होंने बताया कि ट्रम्प पर जासूसी अधिनियम के तहत साजिश, झूठे बयान, न्याय में बाधा और अवैध रूप से क्लासिफाइड दस्तावेजों को बनाए रखने के आरोप तय हुए हैं.
ट्रम्प के घर पर मिले थे 100 क्लासिफाइड दस्तावेज
पिछले साल डोनाल्ड ट्रम्प के फ्लोरिडा स्थित मार ए लागो रिसॉर्ट पर FBI ने रेड डाली दी थी. इस दौरान करीब 11000 दस्तावेज सीज किए गए थे. इनमें करीब 100 क्लासिफाइड दस्तावेज थे. इनमें से कुछ टॉप सीक्रेट बताए गए थे. इतना ही नहीं जांच एजेंसियों ने दावा किया था कि उन्हें ट्रम्प की एक रिकॉर्डिंग मिली है, जिसमें उन्होंने जनवरी 2021 में व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद क्लासिफाइड दस्तावेज रखने की बात स्वीकार की थी. अमेरिका में राष्ट्रपति समेत किसी भी अधिकारी द्वारा अनधिकृत स्थान पर क्लासिफाइड दस्तावेज रखना अमेरिकी कानून के खिलाफ है. ऐसे में ट्रम्प पर सरकारी सीक्रेट को अवैध रूप से रखने, न्याय में बाधा डालने और साजिश रचने का भी आरोप है.
क्या होते हैं Classified documents?

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.