
सीएए विरोधी प्रदर्शन: अदालत ने शरजील इमाम के ख़िलाफ़ राजद्रोह के आरोप तय किए
The Wire
शरजील इमाम पर आरोप है कि सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के संदर्भ में उन्होंने 13 दिसंबर 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया और 16 दिसंबर 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दिए गए भाषणों में असम और बाकी पूर्वोत्तर को भारत से अलग करने की धमकी दी थी.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने अपने आदेश में कहा, ‘मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 (राजद्रोह), 153ए (दो अलग-अलग समूहों में धर्म के आधार पर विद्वेष को बढ़ावा देना), 153बी (राष्ट्रीय एकता के खिलाफ अभिकथन), 505 (सार्वजनिक अशांति के लिए बयान), गैरकानूनी गतिविधि (निषेध) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 (गैरकानूनी गतिविधि के लिए सजा) के तहत आरोप तय किए जाते हैं.’
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, इमाम ने 13 दिसंबर 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया में और 16 दिसंबर 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दिए भाषणों में कथित तौर पर असम और बाकी पूर्वोत्तर को भारत से अलग करने की धमकी दी थी.
अपने बचाव में इमाम ने अदालत में कहा था कि वह आतंकवादी नहीं हैं, उन्हें सरकारी तानाशाही का शिकार बनाया जा रहा है.
वहीं, अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि इमाम के बयान से हिंसक दंगे हुए. शरजील जनवरी 2020 से ही न्यायिक हिरासत में है.