सीएए प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ वसूली नोटिस वापस ले यूपी सरकार या हम इन्हें रद्द कर देंगे: कोर्ट
The Wire
सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर, 2019 में सीएए के विरोध में आंदोलन कर रहे लोगों को वसूली के नोटिस भेजे जाने पर उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यह कार्यवाही उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिपादित क़ानून के विरुद्ध है और इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2019 में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ कथित तौर पर आंदोलन कर रहे लोगों को वसूली के नोटिस भेजे जाने पर उत्तर प्रदेश सरकार को शुक्रवार को आड़े हाथ लिया और उसे यह कार्यवाही वापस लेने के लिए अंतिम अवसर दिया और कहा कि अन्यथा न्यायालय कानून का उल्लंघन करने वाली इस कार्यवाही को निरस्त कर देगा.
शीर्ष अदालत ने कहा कि दिसंबर 2019 में शुरू की गई यह कार्यवाही उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिपादित कानून के खिलाफ है और इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आरोपियों की संपत्तियों को जब्त करने की कार्यवाही के लिए खुद ही ‘शिकायतकर्ता, न्यायकर्ता और अभियोजक’ की तरह काम किया है.
पीठ ने कहा, ‘कार्यवाही वापस लें या हम इस अदालत द्वारा निर्धारित कानून का उल्लंघन करने के लिए इसे रद्द कर देंगे.’