सीआरपीसी अमेंडमेंट बिल राज्यसभा में पेश, गृहमंत्री अमित शाह ने बताया क्या हुए बदलाव
ABP News
अमित शाह ने विधि आयोग के सुझावों का जिक्र करते हुए कहा कि, विधि आयोग ने भारत सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. जिसमें कहा गया कि 1920 के कानून को बदलने की जरूरत है.
विपक्षी दलों के विरोध के बीच राज्यसभा में सीआरपीसी अमेंडमेंट बिल पेश किया गया. गृहमंत्री अमित शाह ने इस बिल को संसद के उच्च सदन में रखा. इस दौरान जहां कांग्रेस ने इस बिल को असंवैधानिक बताया, वहीं अमित शाह ने कहा कि, आज के वक्त में पुराना कानून पर्याप्त नहीं है. इसीलिए विधि आयोग ने इसकी सिफारिश की थी.
अंग्रेजों का कानून पर्याप्त नहीं - अमित शाह बिल पेश करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि, मैं आज इस विधेयक को लेकर आया हूं. जिसे 4 तारीख को लोकसभा ने पारित किया था. इस विधेयक का उद्देश्य 100 साल पुराने विधेयक में आज के जमाने के अनुरूप टेक्नोलॉजी का जो बदलाव हुआ है, उसका समावेश करना, इनवेस्टिगेशन को बल देना और दोष सिद्धि के प्रमाण ज्यादा से ज्यादा हो सकें इस पर जोर दिया गया है. अमित शाह ने आगे कहा कि, जब तक किसी भी देश में दोष सिद्धि का प्रमाण नहीं बढ़ता है, तब तक कानून-व्यवस्था सुधारने के सभी प्रयास विफल हो जाते हैं. पुलिस या एजेंसियां कितने भी लोगों को कानून के दायरे में पकड़कर लाएं, लेकिन जब तक अदालत में उनके दोष को सिद्ध नहीं किया जाता तब तक उन्हें सजा नहीं मिलती है. आज के समय में अंग्रेजों का बनाया कानून पर्याप्त नहीं है.