
सिंघू बॉर्डर लिंचिंगः किसान मोर्चा ने मामले की सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच कराने की मांग की
The Wire
पंजाब के तरन तारन ज़िले के दलित मज़दूर लखबीर सिंह का शव बीते 15 अक्टूबर को दिल्ली-हरियाणा के सिंघू बॉर्डर पर एक बैरिकेड से बंधा हुआ पाया गया था. एक वीडियो में सिखों के धर्मग्रंथ की बेअदबी के आरोप में निहंग सिखों के एक समूह ने उनकी हत्या किए जाने की बात स्वीकार की थी.
नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बृहस्पतिवार को मांग की कि सिंघू बॉर्डर पर एक दलित खेतिहर मजदूर की पीट-पीट कर हत्या किए जाने की घटना की जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से कराई जाए और निहंग सिख के एक नेता बाबा अमन सिंह से मुलाकात करने के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश चौधरी से इस्तीफा देने की मांग की, जिसका समूह कथित तौर पर खेतिहर मजदूर लखबीर सिंह की जघन्य हत्या में संलिप्त था. संयुक्त किसान मोर्चा यह मांग करता है कि इस घटना के आरोपियों के साथ जिनके बीजेपी के मंत्रियों नरेंद्र तोमर और कैलाश चौधरी के फोटो और मुलाकात के सबूत आए हैं, उनका तुरंत इस्तीफा हो। इस घटना के पीछे गहरे षडयंत्र की सुप्रीम कोर्ट के जज द्वारा जांच की जाए।#FarmersProtest pic.twitter.com/MAteDhASLA
किसान संगठनों के समूह ने लखीमपुर खीरी घटना में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी एवं गिरफ्तारी की मांग तथा कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन के 11 माह पूरा होने पर अखिल भारतीय स्तर पर धरना देने का भी आह्वान किया. — Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) October 21, 2021
मोर्चा ने बयान जारी कर कहा, ‘किसान मोर्चा मांग करता है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश चौधरी तुरंत इस्तीफा दें, जिन्होंने निहंग सिखों के एक नेता से मुलाकात की, जिसका समूह जघन्य हत्या में संलिप्त था. मोर्चा षड्यंत्र की उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराने की मांग करता है.’