साईबाबा की सज़ा के निलंबन के ख़िलाफ़ दायर अपील पर 17 जनवरी को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
The Wire
बीते 15 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने साईबाबा और पांच अन्य- महेश तिर्की, पांडु नरोटे, हेम मिश्रा, प्रशांत राही और विजय एन. तिर्की को कथित माओवादी संबंध मामले में आरोपमुक्त करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को निलंबित कर दिया था. महाराष्ट्र सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.
नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय 17 जनवरी को महाराष्ट्र सरकार की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा और अन्य को कथित माओवादी संबंध मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा बरी किए जाने के फैसले को चुनौती दी गई है.
बीते 15 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने साईबाबा और पांच अन्य- महेश तिर्की, पांडु नरोटे (अपील के दौरान मृतक), हेम मिश्रा, प्रशांत राही और विजय एन. तिर्की को आरोपमुक्त करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को निलंबित कर दिया था.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस एमआर शाह और हिमा कोहली की खंडपीठ के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आश्वासन दिया कि 10 खंडों वाले सभी साक्ष्य एक सप्ताह के भीतर सुविधा अनुपालन के साथ प्रस्तुत किए जाएंगे.
इस दौरान साईबाबा (प्रतिवादी नंबर 6) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आर. बसंत ने कहा कि वह जल्द ही एक जवाबी हलफनामा दाखिल करेंगे. वहीं, प्रतिवादी 1 (तिर्की), 4 (नारायण), और 5 (विजय तिर्की) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नीता रामकृष्णन ने कहा कि वह जवाब दाखिल नहीं करना चाहती हैं.