साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ और सीआईए कॉन्फ्रेंस के सह संस्थापक वैभव झा को दुबई में मिला अवॉर्ड, नाम दर्ज है यह यह खास रिकॉर्ड
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कोरोना महामारी के दौर में वर्क फ्रॉम होम दफ्तर जाने का विकल्प बनकर उभरा है. पढ़ाई के लिए भी ऑनलाइन क्लासेस का ही सहारा लिया जा रहा है. लेकिन देश में ऐसे लोग बड़ी संख्या में हैं जो डिजिटल क्रांति से दूर हैं. आज चाहे वह छात्र हो या प्रोफेशनल अगर डिजिटल ज्ञान से वंचित है तो वह अपने करियर में काफी पीछे छूट जाता है. बिहार के एक इंजीनियरिंग छात्र ने 35 देशों के अधिकारियों को डिजिटल ट्रेनिंग देकर मिसाल कायम की है.
नई दिल्ली. कोरोना महामारी के दौर में वर्क फ्रॉम होम दफ्तर जाने का विकल्प बनकर उभरा है. पढ़ाई के लिए भी ऑनलाइन क्लासेस का ही सहारा लिया जा रहा है. लेकिन देश में ऐसे लोग बड़ी संख्या में हैं जो डिजिटल क्रांति से दूर हैं. आज चाहे वह छात्र हो या प्रोफेशनल अगर डिजिटल ज्ञान से वंचित है तो वह अपने करियर में काफी पीछे छूट जाता है. बिहार के एक इंजीनियरिंग छात्र ने 35 देशों के अधिकारियों को डिजिटल ट्रेनिंग देकर मिसाल कायम की है. जिस उम्र में छात्र प्लेसमेंट पाने के लिए संघर्ष करते हैं, उस उम्र में इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के छात्र वैभव झा 35 से अधिक राष्ट्रों के नौकरशाहों तथा आईएएस अधिकारियों को प्रशिक्षित करने वाले सबसे युवा भारतीय बन गए हैं. डिजिटलीकरण, ऑनलाइन पेमेंट, तकनीक के बढ़ते दायरे के युग मे साइबर क्राइम अब व्यापक अपराध बन चुका है. हर रोज छोटे-बड़े हजारों आपराधिक मामले साइबर अपराध की श्रेणी में दर्ज हो रहे हैं. ऐसे में साइबर सुरक्षा वर्तमान की सबसे बड़ी जरूरत है. इसी क्रम में बिहार के सुदूर प्रान्त से निकले वैभव झा ने नोएडा में रहकर साइबर अपराधों को रोकने हेतु महत्वपूर्ण योगदान दिया है.More Related News