सांप्रदायिकता से जूझते भारत में पॉल आर. ब्रास का लेखन और प्रासंगिक हो चला है
The Wire
स्मृति शेष: आज़ाद भारत के बदलते हुए राजनीतिक परिदृश्य और लोकतंत्र के विविध पक्षों का गहन विश्लेषण करने वाले राजनीति विज्ञानी पॉल आर. ब्रास का बीते दिनों निधन हो गया. अपने लेखन को उन्होंने केवल सियासी बदलावों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि चुनावी राजनीति में हथकंडे के रूप में दंगों और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के इस्तेमाल के साथ ही मीडिया और पुलिस की भूमिका पर भी रोशनी डाली.
आज़ादी के बाद भारत के बदलते हुए राजनीतिक परिदृश्य, लोकतंत्र के विविध पक्षों के गहन विश्लेषण का काम जिन अध्येताओं ने किया, उनमें राजनीति विज्ञानी पॉल रिचर्ड ब्रास अग्रणी रहे. 31 मई, 2022 को लंबी बीमारी के बाद पॉल आर. ब्रास का वाशिंगटन में निधन हो गया.
वे वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में ही राजनीति विज्ञान एवं अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विभाग में प्रोफेसर एमेरिटस थे. पॉल आर. ब्रास ने दक्षिण एशियाई राजनीति, सामुदायिक हिंसा, राष्ट्रवाद जैसे मुद्दों पर विचारोत्तेजक लेखन किया. साथ ही, उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण की शानदार राजनीतिक जीवनी भी लिखी, जो तीन खंडों में प्रकाशित है.
पॉल आर. ब्रास ने हॉर्वर्ड कॉलेज से स्नातक और शिकागो यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान में एमए की पढ़ाई की. शिकागो यूनिवर्सिटी से ही वर्ष 1964 में उन्होंने अपनी पीएचडी. पूरी की, जिसके एक वर्ष बाद वे वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान विभाग और हेनरी एम. जैक्सन स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज़ में शिक्षक नियुक्त हुए.
वर्ष 2012 में उन्हें फुलब्राइट-नेहरू सीनियर रिसर्च फेलोशिप भी प्रदान की गई. इस शोध वृति के दौरान वे सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज़ से संबद्ध रहे.