सशस्त्र बलों पर खर्च किया गया पैसा अर्थव्यवस्था पर कभी बोझ नहीं हो सकता- सेना प्रमुख नरवणे
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एक कार्यक्रम में सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने कहा है कि देश के सशस्त्र बल पर खर्च किए गए पैसे को अर्थव्यवस्था पर बोझ की तरह नहीं देखना चाहिए. उनकी नजरों में ये पैसा एक निवेश है जिसका देश को ही लाभ मिलता है.
सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे की तरफ से बड़ा बयान सामने आया है. एक किताब के विमोचन के अवसर पर पर सेना प्रमुख ने जोर देकर कहा है कि सशस्त्र बलों पर खर्च किया गया पैसा कभी भी अर्थव्यवस्था पर बोझ नहीं हो सकता है. वो एक निवेश है, जिसका देश को समय आने पर पूरा रिटर्न मिलता है.
सेना प्रमुख का बड़ा संदेश
नरवणे ने कहा है कि किसी भी देश को अगर विकास करना है, तो शांतिपूर्ण और स्थिर वातावरण की जरूरत है. ये तभी संभव है जब आपके देश के सशस्त्र बल मजबूत हों. जब आपके बॉर्डर सुरक्षित रहें. ऐसे में जब भी सशस्त्र बलों पर किए गए खर्च की बात की जाती है तो इसे हमेशा एक निवेश की तरह देखना चाहिए. ये एक ऐसा निवेश है जिससे आपको बाद में पूरा रिटर्न मिलेगा. इसे कभी भी अर्थव्यवस्था पर एक बोझ की तरह नहीं देखना चाहिए. सेना प्रमुख द्वारा राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में '1971 के युद्ध के पचास साल: दिग्गजों के अनुभव,' किताब के विमोचन के दौरान ये बड़ा बयान दिया गया है.
अभी क्योंकि रूस और यूक्रेन के बीच में युद्ध जारी है, और श्रीलंका जैसे देश आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, ऐसे में नरवणे ने मजबूत सशस्त्र बल की पैरवी की है. उनके मुताबिक जब भी किसी देश पर कोई संकट आता है तो सबसे पहले उसका असर वहां की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है. कोई भी आर्थिक संकट आता है तो सीधे उसका असर शेयर बाजार पर दिखने लगता है. ऐसे झटकों से कोई देश तभी उबर सकता है जब उसके सशस्त्र बल मजबूत हों.
आम नागरिकों के कर्तव्य बताएं
वैसे कार्यक्रम के दौरान सेना प्रमुख ने सशस्त्र बलों की अहमियत तो बताई ही, इसके अलावा आम नागरिक की जिम्मेदारियों पर भी जोर दिया. उनकी नजरों में किसी भी देश की सुरक्षा की बागडोर सिर्फ सेना के हाथों में नहीं होती है. बल्कि देश के नागरिक भी इसमें एक सक्रिय भूमिका निभाते हैं. उनके मुताबिक अगर आम नागरिक सोशल मीडिया पर गलत खबर का प्रचार नहीं करेगा, अगर उसकी तरफ से अफवाह को हवा नहीं दी जाएगी, ऐसे में बड़े दंगों से बचा सकता है. सेना प्रमुख ने जोर देकर कहा है कि छोटी-छोटी अफवाहों की वजह से कई बार दंगे हो जाते हैं, बसों में आग लगा दी जाती है. लेकिन इससे नुकसान किसका होता है? नुकसान तो देश का ही होता है.
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