![सरकार द्वारा प्राइवेसी के मसले पर रद्द किए गए बल्क डेटा सौदे से जुड़ी हुई थी विदेशी कंपनी](http://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2019/08/automobile-dealership-Reuters.jpg)
सरकार द्वारा प्राइवेसी के मसले पर रद्द किए गए बल्क डेटा सौदे से जुड़ी हुई थी विदेशी कंपनी
The Wire
वाहन रजिस्ट्रेशन संबंधी डेटा को लेकर भारत सरकार के साथ अनुबंध करने वाली फास्ट लेन ऑटोमोटिव ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को सूचित किए बिना जर्मनी की एक कंपनी मैनसर्व के साथ एक सब-कॉन्ट्रैक्ट किया, जिसमें 'संवेदनशील जानकारी' साझा करने की बात कही गई थी.
(सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा साझा किए गए वाहनों संबंधी बल्क डेटा पर की जा रही दो लेखों की श्रृंखला का दूसरी कड़ी है. पहले भाग को यहां पढ़ सकते हैं.) नई दिल्ली: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली की ऑटो-टेक सॉल्यूशंस कंपनी फास्ट लेन ऑटोमोटिव (एफएलए) के साथ भारतीय नागरिकों का वाहन और लाइसेंस संबंधी डेटा साझा करने के कुछ महीनों बाद इस कंपनी द्वारा एक जर्मन कंपनी के साथ डेटा साझा करने को लेकर एक और अनुबंध किया गया था. आरटीआई द्वारा प्राप्त सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, मंत्रालय को भेजे गए एक पत्र में इस भारतीय कंपनी ने सरकारी अधिकारियों को इस अनुबंध के बारे में तब बताया जब जर्मन कंपनी ने एफएलए के साथ हुए अनुबंध के विफल होने के बाद इस डेटा को डिलीट करने से इनकार कर दिया. आधिकारिक रिकॉर्ड दिखाते हैं कि यह बात बताए जाने के कुछ महीनों बाद मंत्रालय ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए डेटा सप्लाई को बंद किया.More Related News