
सरकार को कोरोना वायरस से लड़ना चाहिए, मेहनती किसानों और मज़दूरों से नहीं: संयुक्त किसान मोर्चा
The Wire
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा है कि ऐसे समय में जब महामारी एक बार फ़िर पैर पसार चुकी है, तब केंद्र सरकार को उन किसानों और मज़दूरों की फ़िक्र करते हुए तत्काल प्रभाव से इस स्थिति से निपटना चाहिए, जिन्हें उसने पिछले साल लॉकडाउन लगाते हुए नज़रअंदाज़ कर दिया था.
नई दिल्ली: केंद्र के तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान संघों के प्रमुख संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को कहा कि सरकार को कोरोना वायरस से लड़ना चाहिए, किसानों से नहीं. उन्होंने दोहराया कि मांगें पूरी होने के बाद ही किसान अपना आंदोलन खत्म करेंगे. किसान मोर्चा ने सरकार से किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर भी टीकाकरण केंद्र स्थापित करने और वायरस से बचाव के लिए उन्हें जरूरी उपकरण मुहैया कराने तथा निर्देश देने का अनुरोध किया. इससे पहले बीते 16 अप्रैल को भी संगठन ने कहा था कि प्रदर्शन स्थलों पर सरकार टीकाकरण केंद्र की शुरुआत करे और इससे जुड़ीं सुविधाएं मुहैया कराए. साथ ही दिल्ली के विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से कहा था कि वे मास्क पहनें और कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करें, ताकि वायरस के प्रसार को रोका जा सके. संगठन ने एक बयान में कहा कि ऐसे समय में जब महामारी एक बार फिर पैर पसार चुकी है, तब केंद्र सरकार को उन किसानों और मजदूरों की फिक्र करते हुए तत्काल प्रभाव से इस स्थिति से निपटना चाहिए, जिन्हें उसने पिछले साल लॉकडाउन लगाते हुए नजरअंदाज कर दिया था.More Related News