
सरकारी समिति की ‘मोपला शहीदों’ को इतिहास की किताब से हटाने की मांग, कहा- विद्रोही सांप्रदायिक थे
The Wire
भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद की समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि 1921 का मालाबार विद्रोह हिंदू समाज के ख़िलाफ़ था और केवल असहिष्णुता के चलते किया गया था.
नई दिल्ली: भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) की तीन सदस्यीय समिति ने ‘वैगन त्रासदी’ पीड़ितों और मालाबार विद्रोह के नेताओं को भारत के स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों पर एक किताब से हटाने की मांग की थी. द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, इसी समिति ने साल 2016 में साल 1921 के विद्रोह के ‘फ्रीडम फाइटर्स’ के नाम की रिपोर्ट की समीक्षा पेश की थी. ‘डिक्शनरी ऑफ मार्टर्स: इंडियाज फ्रीडम स्ट्रगल 1857-1947’ नामक किताब साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी की गई थी. शिक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले आईसीएचआर ने किताब के पांचवें हिस्से में प्रविष्टियों की समीक्षा की है और निष्कर्ष निकाला कि 387 मोपला शहीदों के नाम, जिनमें अली मुसलियार, वरियामकुनाथ अहमद हाजी और हाजी के दो भाइयों को किताब से हटा दिया जाना चाहिए.More Related News