![सरकारी एजेंसियों की मदद से स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने की कोशिश- एडिटर्स गिल्ड](https://images.thequint.com/quint-hindi%2F2021-07%2F6335fa6c-cac3-4af5-9671-d6e6a5dd140f%2Fthequint_2018_05_1bd1dbe2_13f2_428f_9f1d_4c66e87f5c83_press_freedom__1_.jpg?w=1200&auto=format%2Ccompress&ogImage=true)
सरकारी एजेंसियों की मदद से स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने की कोशिश- एडिटर्स गिल्ड
The Quint
Editors Guild of India:एडिटर्स गिल्ड ने कहा सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल "दबाव बनाने के हथकंडे" के रूप में कर रही केंद्र सरकार दैनिक भास्कर ग्रुप और भारत समाचार पर पड़ा था छापा,editors guild centre using agencies as coercive tools curb press freedom
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (Editors Guild of India) ने 23 जुलाई को कहा कि सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने के लिए "दबाव बनाने के हथकंडे" के रूप में किया जा रहा है और वो इस बात से चिंतित है.संपादकों की मीडिया बॉडी की ये टिप्पणी 22 जुलाई को दैनिक भास्कर ग्रुप के कई राज्यों के दफ्तरों और लखनऊ में भारत समाचार के ऑफिस पर कथित कर चोरी के आरोप में आयकर विभाग के छापेमारी के बाद आयी है.गिल्ड ने आईटी रेड पर जताई चिंताएडिटर्स गिल्ड ने अपने बयान में कहा "एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया 22 जुलाई को देश के प्रमुख समाचार पत्र दैनिक भास्कर ग्रुप के साथ-साथ लखनऊ के समाचार चैनल भारत समाचार के कार्यालयों पर आयकर विभाग के छापों को लेकर चिंतित है"."दैनिक भास्कर द्वारा कोविड-19 महामारी पर की गई विस्तृत रिपोर्टिंग के बाद यह छापेमारी की गई है, जिसमें सरकारी अधिकारियों के घोर कुप्रबंधन और लोगों के जीवन के भारी नुकसान की खबरों को सामने लाया गया था".एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडियासरकार ने अखबार के विज्ञापन भी किए कमएडिटर्स गिल्ड ने दावा किया कि उसके द्वारा हाल ही में आयोजित एक वेबिनार में दैनिक भास्कर ग्रुप के राष्ट्रीय संपादक ओम गौर ने टिप्पणी की थी कि राज्य अधिकारियों की हालिया आलोचनात्मक कवरेज के बाद सरकारी विभाग ने उनको दिए जाने वाले विज्ञापनों को कम कर दिया है.ADVERTISEMENT"एडिटर्स गिल्ड इस बात को लेकर चिंतित है कि सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने के लिए 'दबाव बनाने के हथकंडे' के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. यह पेगासस स्पाईवेयर की मदद से पत्रकारों और सिविल सोसाइटी एक्टविस्टों की व्यापक निगरानी की हालिया मीडिया रिपोर्ट के बाद और अधिक परेशान करने वाला है".एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडियागौरतलब है कि दैनिक भास्कर ग्रुप ने 22 जुलाई को दफ्तरों और प्रमोटरों के घरों पर आयकर विभाग के छापे के बाद कहा कि भास्कर स्वतंत्र है और यहां पाठकों की मर्जी चलेगी.अखबार ने छापे के बाद लिखा था, "कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश के सामने सरकारी खामियों की असल तस्वीर रखने वाले दैनिक भास्कर ग्रुप पर सरकार ने दबिश डाली है. भास्कर समूह के कई दफ्तरों पर गुरुवार तड़के इनकम टैक्स विभाग ने छापा मारा है. विभाग की टीम मध्य प्रदेश, मह...More Related News