![सरकारी आवास सेवारत कर्मचारियों के लिए है, न कि सेवानिवृत्तों के लिए: सुप्रीम कोर्ट](http://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2018/10/Supreme-court-PTI-new.jpg)
सरकारी आवास सेवारत कर्मचारियों के लिए है, न कि सेवानिवृत्तों के लिए: सुप्रीम कोर्ट
The Wire
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की जिसमें एक कश्मीरी प्रवासी सेवानिवृत्त अधिकारी को सरकारी आवास में रहने की अनुमति दी गई थी. अदालत ने कहा कि आश्रय के अधिकार का मतलब सरकारी आवास का अधिकार नहीं है.
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि सरकारी आवास सेवारत अधिकारियों के लिए है न कि ‘परोपकार’ और उदारता के रूप में सेवानिवृत्त लोगों के लिए. शीर्ष अदालत ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की जिसमें एक सेवानिवृत्त लोक सेवक को इस तरह के परिसर को बनाए रखने की अनुमति दी गई थी. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि आश्रय के अधिकार का मतलब सरकारी आवास का अधिकार नहीं है. एक सेवानिवृत्त लोक सेवक को अनिश्चितकाल के लिए ऐसे परिसर को बनाए रखने की अनुमति देने का निर्देश बिना किसी नीति के राज्य की उदारता का वितरण है. केंद्र की अपील को मंजूर करते हुए जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने उच्च न्यायालय का आदेश रद्द कर दिया और एक कश्मीरी प्रवासी सेवानिवृत्त खुफिया ब्यूरो अधिकारी को 31 अक्टूबर, 2021 को या उससे पहले परिसर का खाली भौतिक कब्जा सौंपने का निर्देश दिया.More Related News