
समलैंगिक विवाह पर HC में केंद्र- 'बिना सर्टिफिकेट कोई मर नहीं रहा'
The Quint
same sex marriage: समलैंगिक विवाह पर HC में केंद्र- 'बिना सर्टिफिकेट कोई मर नहीं रहा', Centre said in HC on same sex marriage plea No one dying for want of marriage certificates
केंद्र सरकार ने समलैंगिक विवाह को मौजूदा कानून के तहत मान्यता दिए जाने की याचिका को स्थगित करने की मांग की. केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट से 24 मई को कहा कि ऐसे 'कई सारे मामले में जिनमें सुनवाई होना ज्यादा जरूरी है. मैरिज सर्टिफिकेट नहीं मिलने से किसी की भी मौत नहीं हो रही है.'केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में अपना सबमिशन देते हुए कहा- फिलहाल राज्य कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई लड़ रहा है और अभी दूसरे कई सारे मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा की जाना ज्यादा जरूरी है. बतौर सरकार हमारा फोकस ज्यादा जरूरी कामों पर हैतुषार मेहता, सॉलिसिटर जनरलतुषार मेहता ने कहा कि कानूनी अधिकारी भी फिलहाल महामारी से जुड़े केस लड़ने में व्यस्त हैं.कोर्ट तय करे कि क्या ज्यादा जरूरी: याचिकाकर्ता के वकीलयाचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए सीनियर वकील सौरभ कृपाल ने कोर्ट में बताया कि सरकार को निष्पक्ष होना चाहिए और कोर्ट को मामले की तात्कालिकता तय करनी चाहिए. इसी मामले पर दूसरे याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुईं वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि देश में करीब 7 करोड़ LGBTQ समुदाय के लोग हैं. तीन याचिकाएं हुई थीं दायरसुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने जस्टिस राजीव शाही की बेंच के सामने रोस्टर चेंज होने का मुद्दा उठाया. पिछले साल इस मामले में तीन याचिकाएं दायर की गई थीं, इन्हीं पर केंद्र सरकार ने अपना पक्ष रखा है. ये याचिकाएं डॉ कविता अरोड़ा, अंकिता खन्ना, पराग विजय मेहता, अभिजीत अय्यर ने डाली थीं.पहली याचिका में मौलिक अधिकार के तहत अपने पार्टनर को चुनने का अधिकार का मुद्दा उठाया गया था. दूसरी याचिका में विदेश से भारत आने वाले सेम सेक्स कपल के मैरिज रजिस्ट्रेशन से जुड़ा मुद्दा था. तीसरी PIL में हिंदू मैरिज एक्ट के तहत सेम सेक्स मैरिज दर्ज किए जाने का मुद्दा था.(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)...More Related News