
समलैंगिक विवाह के लिए दायर याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा
The Wire
दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर एक ओसीआई कार्डधारक के विदेशी मूल के जीवनसाथी को उसकी लैंगिकता की परवाह किए बिना ओसीआई पंजीकरण की अनुमति देने की मांग की गई है. उन्होंने तमाम विवाह क़ानूनों के तहत समलैंगिक शादी को मान्यता प्रदान करने की गुज़ारिश की है.
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बीते मंगलवार को केंद्र और न्यूयॉर्क स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास से उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें भारतीय विदेशी नागरिकता (ओसीआई) कार्डधारक के विदेशी मूल के जीवनसाथी को उसके लैंगिक या यौन अभिमुखता (सेक्सुअल ओरिएंटेशन) की परवाह किए बगैर ओसीआई पंजीकरण की अनुमति देने की मांग की गई है. उन्होंने नागरिकता अधिनियम, 1955, विदेशी विवाह अधिनियम, 1969 और विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत ऐसे विवाहों को मान्यता प्रदान करते हुए राहत देने की मांग की है. याचिका में यह घोषणा करने की मांग की गई है कि समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 19 और 21 के तहत एक मौलिक अधिकार है, भले ही व्यक्ति का जेंडर, लैंगिक या सेक्सुअल ओरिएंटेशन कुछ भी हो. इसमें कहा गया है कि भारत में प्रभावी कानून, नियमों और नीतियों के तहत समलैंगिक विवाहों को कानूनी रूप से मान्यता दी जानी चाहिए.More Related News