
सच बाहर लाने के लिए फोन निगरानी से जुड़े पहलुओं की जांच की जानी चाहिए: नीतीश कुमार
The Wire
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के सहयोगी दलों के ऐसे पहले नेता हैं, जिन्होंने पेगासस प्रोजेक्ट के खुलासों की जांच की मांग की है. द वायर समेत दुनिया के 17 संस्थानों ने बताया था कि देश के केंद्रीय मंत्रियों, 40 से ज़्यादा पत्रकारों, विपक्षी नेताओं, एक मौजूदा जज, कई कारोबारियों व कार्यकर्ताओं समेत 300 से अधिक भारतीय फोन नंबर उस लीक डेटाबेस में थे, जिनकी पेगासस से हैकिंग हुई या वे संभावित निशाने पर थे.
नई दिल्ली: भाजपा की अगुवाई वाली एनएडीए सरकार के सहयोगी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते सोमवार को कहा कि फोन टैपिंग से जुड़े सभी पहलू की जांच की जानी चाहिए ताकि सच्चाई बाहर आ सके. Bihar CM and NDA ally Nitish kumar demands probe in #Pegasus pic.twitter.com/eEMz7yyLzP नीतीश कुमार भाजपा के सहयोगी दलों के ऐसे पहले नेता हैं जिन्होंने पेगासस प्रोजेक्ट के खुलासों की जांच की मांग की है. इसके तहत द वायर समेत दुनियाभर के 17 संस्थानों ने एक के बाद एक रिपोर्ट्स कर लीक हुए उस डेटाबेस में शामिल लोगों की जानकारी दी थी, जिनकी इजरायल स्थित एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर के जरिये निगरानी किए जाने की संभावना है. — Marya Shakil (@maryashakil) August 2, 2021 एनएसओ ग्रुप का कहना है कि वे सिर्फ ‘प्रमाणित सरकारों’ को ही पेगासस स्पायवेयर बेचते हैं, वहीं भारत सरकार ने पेगासस को खरीदने को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है. मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार’ में मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान फोन टैपिंग से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि फोन टैपिंग की बात काफी दिनों से सामने आ रही है और इस पर पहले ही चर्चा हो जानी चाहिए थी.More Related News