सऊदी अरब से तेल कम ख़रीदने का भारत पर क्या असर पड़ेगा?
BBC
सऊदी अरब पर तेल की निर्भरता को भारत कम करना चाहता है. इसी दिशा में पहली बार गयाना से तेल भारत पहुँचने वाला है. लेकिन क्या यह भारत के लिए फ़ायदे का सौदा है?
2 मार्च को गयाना के एक बंदरगाह से 10 लाख टन कच्चा तेल लेकर एक जहाज़ गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह के लिए रवाना हुआ. इसे 9-10 अप्रैल तक अपनी मंज़िल पर पहुँचना है. इस कच्चे तेल की ख़रीदार एचपीसीएल और मित्तल एनर्जी लिमिटेड कंपनी हैं. ये ताज़ा आयात केवल इसलिए अहम नहीं है कि भारत पहली बार गयाना से तेल ख़रीद रहा है, बल्कि ये इस बात का भी प्रतीक है कि भारत सऊदी अरब और खाड़ी के अन्य देशों के तेल पर निर्भरता कम करना चाहता है. दरअसल, भारत ने सरकारी तेल रिफ़ाइनरी और तेल कंपनियों से सऊदी अरब से तेल आयात में कमी करने को कहा है. गयाना से आने वाला ये कार्गो इस बात का भी संकेत है कि देश की सरकारी रिफ़ाइनरी और निजी तेल कंपनियाँ सरकार के उस आदेश पर अमल कर रही हैं. इस आदेश में इनसे कहा गया है कि वो सऊदी अरब और खाड़ी के कुछ दूसरे देशों पर तेल निर्भरता कम करने के लिए मई से दुनिया भर में अलग-अलग कंपनियों और देशों से तेल ख़रीदना शुरू कर दें. भारत सरकार के आदेश का निशाना असल में सऊदी अरब है. भारत सऊदी अरब से तेल ख़रीदने वाला दूसरा बड़ा मुल्क है.More Related News