सऊदी अरब और ईरान को लेकर इराक़ इतनी मेहनत क्यों कर रहा?
BBC
2003 के बाद से अब तक इराक़ के सारे प्रधानमंत्री शिया मुसलमान ही बने और सुन्नी हाशिए पर होते गए. 2003 से पहले सद्दाम हुसैन के राज में इराक़ में सुन्नियों का ही वर्चस्व रहा. सेना से लेकर सरकार तक में सुन्नी मुसलमानों का बोलबाला था.
ईरान और सऊदी अरब की दुश्मनी क्या अब इतिहास बनने जा रही है? हालाँकि यह सवाल के रूप में भले ठीक है लेकिन इससे सहमत होना जल्दबाज़ी होगी.
लेकिन दोनों देशों ने आपस में बातचीत शुरू कर दी है. सऊदी सुन्नी शासित इस्लामिक देश है जबकि ईरान शिया शासित. दोनों देशों के बीच विवाद में एक कारण ये भी रहा है.
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ईरना के मुताबिक़ ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ख़ातिबज़ादेह ने कहा है, ''इराक़ की राजधानी बग़दाद में हमने सऊदी अरब की सरकार से पिछले कुछ महीनों में कई चरणों में बातचीत की है. द्विपक्षीय संबंधों को लेकर अच्छी बातचीत हुई है. खाड़ी की सुरक्षा को लेकर बातचीत में अच्छी प्रगति हुई है.''
ईरना के मुताबिक़ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इलाक़े की समस्या और टकरावों का समाधान आपस में व्यापक बातचीत के ज़रिए किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की समस्या के समाधान के लिए किसी बाहरी पक्ष की ज़रूरत नहीं है.