संसद सुरक्षा चूक मामला: कोर्ट ने नीलम आजाद की जमानत याचिका पर सुरक्षित रखा फैसला
AajTak
संसद सुरक्षा चूक मामले में आरोपी नीलम आजाद की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली की पटिलाया हाउस कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब इस मामले की सुनवाई 11 सितंबर, 2024 को होगी.
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को संसद सुरक्षा चूक मामले में आरोपी नीलम आजाद की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने फैसले को सुरक्षित रख लिया है और अब इस मामले की सुनवाई के लिए 11 सितंबर, 2024 मुकर्रर की है.
दिल्ली पुलिस के वकील ने उनकी याचिका का विरोध करते हुए अदालत में कहा कि नीलम ने उन पांच बैठकों में से तीन में भाग लिया था, जिनमें पूरे कृत्य की योजना बनाई गई थी. संसद में यह कोई सामान्य दिन नहीं था. 2001 में भी ठीक इसी दिन संसद पर हमला हुआ था और इसी दिन इन लोगों ने अपने कृत्य को अंजाम दिया. क्या किसी हमले को केवल तभी "आतंकवादी" हमला माना जा सकता है, जब संसद में कोई व्यक्ति मारा जाए?.
उन्होंने यह भी कहा कि एक शिक्षित महिला होने के नाते नीलम को कानूनी एजेंसियों को सूचित करना चाहिए था. अगर ये लोग इतने ही निर्दोष थे तो उन्होंने अपना मोबाइल क्यों नष्ट कर दिया? मनोरंजन ने अपने लैपटॉप से पूरा डेटा हटा दिया है.
दिल्ली पुलिस के वकील ने यह भी कहा कि उनके द्वारा उद्धृत सुप्रीम कोर्ट का आदेश इस मामले से बहुत अलग है. वहां आरोपी 4 साल तक न्यायिक हिरासत में रहे, आरोप भी तय नहीं हुए. इस मामले में हमने चार्जशीट भी दाखिल कर दी है.
'कनस्तर ले जाना कोई आतंकी एक्टिविटी'
वहीं, नीलम आजाद के वकील ने अदालत में कहा कि नीलम कोई साजिशकर्ता नहीं थी. वह संसद के बाहर थी. उसने मनोरंजन डी से यह भी कहा था कि वह संसद में एंट्री नहीं करेगी. उसके पास केवल एक कनस्तर था... कनस्तर ले जाना कोई आतंकवादी गतिविधि नहीं है. यहां तक कि धुआं भी खतरनाक नहीं था. मामले में कोई हताहत नहीं हुई.
दिल्ली के चुनावी माहौल को जानने के लिए आजतक की टीम संगम विहार के लोगों के पास पहुंची. इस बातचीत में जनता ने क्षेत्र की समस्याओं के बारे में विस्तार से बताया. लोगों ने ये भी बताया उन्हें चुनाव में किस पार्टी से उम्मीदें हैं. इस चर्चा में लोगों ने अलग-अलग विषयों पर अपने विचार रखे. देखें ग्राउंड रिपोर्ट.
महाकुंभ 2025: 'मसानी गोरख, बटुक भैरव, राघव, माधव, सर्वेश्वरी, जगदीश्वरी या फिर जगदीश...', महाकुंभ में आए इस संन्यासी से जब नाम पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये मेरे नाम हैं, कौन सा बताऊं. IIT मुंबई के इस एयरोस्पेस इंजनीयिर की कहानी जितनी उतार-चढ़ावों से भरी है उतना ही रहस्य उनकी जिंदगी को लेकर है. करोड़ों का पैकेज, कॉरपोरेट का आकर्षण छोड़कर प्रयागराज की रेती पर क्या कर रहा है ये युवा योगी?
दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने वाल्मीकि मंदिर में जूते बांटे, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी गृह मंत्रालय ने दे दी है. प्रवेश वर्मा ने आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को खराब करने और लोगों के बीच भय फैलाने की बात कही गई है. चुनावी माहौल में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है.