संसद में पांच वर्ष से अधिक पुराने क़रीब 300 सरकारी आश्वासन लंबित
The Wire
संसदीय कार्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों में से इस वर्ष अगस्त तक लोकसभा में 1,005 और राज्यसभा में 636 आश्वासन लंबित हैं. कोई आश्वासन दिए जाने के बाद संबंधित मंत्रालय या विभाग को उसे 3 महीने के अंदर पूरा करना अपेक्षित होता है.
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुर्घटनावश मिसाइल चलने की घटना पर इस वर्ष 15 मार्च को लोकसभा में आश्वासन दिया था कि भारत अपनी शस्त्र प्रणाली की सुरक्षा और संरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और इस घटना की जांच के बाद कमी पाए जाने पर उसे दूर किया जाएगा. बाद में इस आश्वासन को ‘लंबित’ श्रेणी में डाल दिया गया.
सरकारी आश्वासनों को लंबित श्रेणी में डालने का यह अकेला मामला नहीं है. संसदीय कार्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, ‘सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों में से इस वर्ष अगस्त तक लोकसभा में 1,005 और राज्यसभा में 636 आश्वासन लंबित हैं.’
सभा में कोई आश्वासन दिए जाने के बाद उसे 3 महीने के अंदर पूरा करना अपेक्षित होता है. भारत सरकार के मंत्रालय या विभाग आश्वासनों को निर्धारित 3 महीने की अवधि के अंदर पूरा करने में असमर्थ रहने की स्थिति में समय विस्तार की मांग कर सकते हैं.
निचले सदन में 10 वर्ष से अधिक पुराने 38 सरकारी आश्वासन लंबित हैं, जबकि पांच वर्ष से अधिक पुराने 146 तथा 3 वर्ष से ज्यादा समय से 185 आश्वासन लंबित हैं. इस प्रकार, लोकसभा में 18 प्रतिशत से अधिक सरकारी आश्वासन तीन वर्ष से अधिक समय से और 14 प्रतिशत आश्वासन पांच वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं.