![संसद की सुरक्षा में सेंध: नीलम के भाई ने पुलिस पर लगाया आरोप, याचिका पर कोर्ट ने दिया ये आदेश](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202312/neelam_6-sixteen_nine.jpg)
संसद की सुरक्षा में सेंध: नीलम के भाई ने पुलिस पर लगाया आरोप, याचिका पर कोर्ट ने दिया ये आदेश
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Parliament Security Breach Case: दिल्ली के पटियाला हाऊस कोर्ट में याचिका दाखिल करके नीलम आजाद के परिजनों ने एफआईआर की कॉपी मांगी है. इसके साथ ही परिजनों और वकील को नीलम से मिलने की इजाजत भी मांगी गई है. इस पर कोर्ट ने पूछा कि एक प्रार्थना पत्र पर कई राहत की मांग कैसे की जा सकती है.
संसद में हंगामे की आरोपी नीलम आजाद के परिजनों द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली के पटियाला हाऊस कोर्ट में मंगलवार को भी सुनवाई है. इस दौरान कोर्ट के सामने पेश हुए नीलम के भाई राम निवास ने कहा कि दिल्ली पुलिस की एक टीम उनके गांव आई हुई थी. पुलिस उनसे एक ब्लैंक पेपर पर साइन करने का दबाव बना रही थी. उनके परिजनों को भी ऐसा करने के लिए कहा जा रहा था. लेकिन उन लोगों ने किसी भी पेपर पर साइन करने से इंकार कर दिया था.
दिल्ली के पटियाला हाऊस कोर्ट में याचिका दाखिल करके नीलम आजाद के परिजनों ने एफआईआर की कॉपी मांगी है. इसके साथ ही परिजनों और वकील को नीलम से मिलने की इजाजत भी मांगी गई है. इस पर कोर्ट ने पूछा कि एक प्रार्थना पत्र पर कई राहत की मांग कैसे की जा सकती है. नीलम के परिजनों के वकील से दोनों राहतों के लिए अलग-अलग आवेदन दायर करने के लिए कहा गया है. इसके साथ उन्हें दिल्ली पुलिस आयुक्त के पास जाने का आदेश दिया गया है.
कोर्ट ने कहा कि नीलम के परिजनों को पहले दिल्ली पुलिस आयुक्त के पास जाना चाहिए. वो उनकी बात को सुनने के लिए तीन सदस्यीय एक कमेटी का गठन करेंगे. यदि उनको वहां से न्याय नहीं मिलता है, तब जाकर उनको कोर्ट का रुख करना चाहिए. इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने नीलम के परिजनों की मांग का विरोध किया था. पुलिस का कहना था कि एफआईआर की कॉपी दिए जाने से कई "महत्वपूर्ण जानकारी" के "लीक" होने का खतरा है.
विशेष न्यायाधीश हरदीप कौर के सामने हुई सुनवाई में दिल्ली पुलिस ने कहा कि एफआईआर दिए जाने से इस केस की जांच प्रभावित हो सकती है. आरोपी नीलम के खिलाफ आतंकवाद सहित गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की कड़ी धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. चूंकि ये मामला अतिसंवेदनशील है, इसलिए एफआईआर की कॉपी "सीलबंद लिफाफे" में है. लोक अभियोजक अखंड प्रताप सिंह ने कोर्ट को बताया, ''इस मामले की जांच जारी है. सभी आरोपी पुलिस रिमांड में है. कुछ आरोपी अभी भी फरार हैं. इसलिए आरोपी को एफआईआर की प्रति प्रदान करना जांच को प्रभावित कर सकता है.''
दूसरी तरह नीलम के वकील की तरफ से कहा गया कि उसे एफआईआर की कॉपी उपलब्ध नहीं कराना उसके "संवैधानिक अधिकार" का उल्लंघन है, क्योंकि वो अपने खिलाफ लगे आरोपों से अनजान है. उनके मुवक्किल के परिजनों को परेशान किया जा रहा है. पुलिस उन्हें अपनी बेटी से मिलने की इजाजत नहीं दे रही है. उन्होंने कहा, ''नीलम आजाद के माता-पिता दर-दर भटक रहे हैं. दिल्ली पुलिस उन्हें अपने परिवार से मिलने की अनुमति नहीं दे रही है. एफआईआर की प्रति भी नहीं दे रही है, जो उसके संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है.'' शनिवार को नीलम के परिजनों की याचिका पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था.
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