संबंधित व्यक्ति को सुनने के बाद ही नागरिकता पर कोई फ़ैसला दिया जाए: गुवाहाटी हाईकोर्ट
The Wire
विदेशी न्यायाधिकरण के एकतरफ़ा आदेश को दरकिनार करते हुए गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा कि नागरिकता किसी व्यक्ति का सबसे महत्वपूर्ण अधिकार है. इससे पहले हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा था कि नागरिकता साबित करने के लिए किसी व्यक्ति को वोटर लिस्ट में शामिल सभी रिश्तेदारों के साथ संबंध का प्रमाण देना आवश्यक नहीं है.
गुवाहाटी: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि एक तरफा आदेश पास करने के बजाय किसी व्यक्ति की नागरिकता के सवाल पर फैसला उस व्यक्ति को सुनने के बाद लिया जाना चाहिए. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी न्यायाधिकरण के एकतरफा आदेश को दरकिनार करते हुए अदालत ने कहा कि नागरिकता किसी व्यक्ति का सबसे महत्वपूर्ण अधिकार है. जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह और सौमित्र सैकिया की खंडपीठ ने 8 अप्रैल के आदेश में कहा, ‘नागरिकता के आधार पर कोई एक संप्रभु देश का सदस्य बन जाता है और देश में कानून द्वारा प्रदत्त विभिन्न अधिकारों और विशेषाधिकारों का हकदार बन जाता है और इस तरह यदि किसी व्यक्ति की नागरिकता के बारे में कोई प्रश्न उठता है तो हमारी राय में जहां तक संभव हो योग्यता के आधार पर और उस व्यक्ति की चिंताओं को सुनने के बाद निर्णय दिया जाना चाहिए.’ हाईकोर्ट रहिमा खातून द्वारा दाखिल एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जो कि असम के धुबरी जिले से ताल्लुक रखती हैं और जिन्हें साल 2016 के एक एकपक्षीय आदेश में विदेशी घोषित कर दिया गया था.More Related News