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संजीव कुमार: बेमिसाल कलाकार की कंजूसी की होती थी चर्चा, लेकिन उनके लाखों रुपये पचा गए इंडस्ट्री के लोग
BBC
संजीव कुमार ने किस तरह बनाया था फ़िल्म जगत में अपना मुकाम और कामयाबी के बाद भी क्या कुछ हासिल नहीं कर पाए थे, उनकी 36वीं पुण्यतिथि पर विशेष.
छह नवंबर, 1985 को संजीव कुमार ने महज़ 47 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया था.
तब तक वे 25 साल सिनेमाई दुनिया को दे चुके थे. 25 साल का उनका ये सफ़र बॉलीवुड के किसी सुपरहिट मसाला फ़िल्म से कम नहीं था.
इसमें दर्शकों को लगातार चौंकाते रहने वाला अभिनय का रेंज रहा हो, बॉक्स ऑफिस में धमाल मचाती फ़िल्में रही हों या फिर खूबसूरत माशूकाओं का साथ रहा हो, संजीव कुमार का जलवा किसी सुपरस्टार से कम नहीं था.
स्टारडम और पीने-पिलाने के शगल के चलते हमेशा वे लोगों से घिरे रहते थे, लेकिन जीवन के आख़िरी महीनों में संजीव कुमार बेहद तन्हाई में रहे और अपनी बीमारी से अकेले जूझते रहे.
यह भी कहा जा सकता है कि जीवन के सफ़र में भी बतौर कलाकार संजीव कुमार हमेशा इम्तिहान देते ही नज़र आए. बेहद कम उम्र में पिता की मौत, उसके बाद परिवार चलाने के लिए मां का संघर्ष, थिएटर से लगाव, परिवार की ज़िम्मेदारी और फ़िल्मों में काम पाने का संघर्ष, यानी संजीव कुमार हमेशा संघर्ष करते रहे. इन सबके बावजूद उनके चेहरे की स्माइल हमेशा बनी रही और उनके अभिनय की ख़ास शैली में इस मोहक मुस्कान का अहम योगदान रहा.