
संजय सिंह की गिरफ्तारी आम आदमी पार्टी के लिए सबसे बड़ा झटका क्यों? 5 प्वाइंट्स में समझें समीकरण
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AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह पार्टी का सबसे अहम चेहरा हैं. उनकी गिरफ्तारी से पार्टी को झटका लगा है. वह चुनावी राज्यों के अलावा पूर्वोत्तर और देश के दूसरे राज्यों में संगठन निर्माण में संदीप पाठक के साथ महत्वपूर्ण भूमिका रहे हैं. इतना ही नहीं, आम आदमी पार्टी में निर्णायक फैसले लेने में भी उनकी भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है.
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद की मुश्किलें बढ़ गई हैं. शराब घोटाले के मामले में 10 घंटे तक चली लंबी पूछताछ के बाद उन्हें अरेस्ट कर लिया गया है. संजय सिंह की गिरफ्तारी एक्साइज जांच मामले में प्रमुख आरोपी दिनेश अरोड़ा के एजेंसी के गवाह बन जाने के बाद हुई है. संजय सिंह को गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी ने कहा कि जिसके सिर पर मां का आशीर्वाद हो, उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. हर क्रांतिकारी को जेल देखनी होती है, आज संजय सिंह को भी यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है. ना डरे थे, ना डरेंगे. अन्याय के खिलाफ लड़ते रहेंगे. वहीं सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि संजय सिंह की गिरफ़्तारी बिलकुल ग़ैर क़ानूनी है. ये मोदीजी की बौखलाहट दर्शाता है. चुनाव तक ये कई और विपक्षी नेताओं को गिरफ़्तार करेंगे.
हालांकि संजय सिंह की गिरफ्तारी पार्टी के लिए बड़ा झटका बताई जा रही है. उनसे पहले मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन गिरफ्तार हो चुके हैं. इन दो बड़े नेताओं के अरेस्ट होने के बाद संजय सिंह अरविंद केजरीवाल के बाद नंबर दो के नेता माने जा रहे हैं. पार्टी के हर फैसले में उनका दखल होने के साथ ही दूसरी पार्टियों के नेताओं के साथ मीटिंग में भी वह दिखाई देते हैं. इसके अलावा पार्टी के लिए चुनावी रणनीति, जमीनी समीकरण सेट करने में भी संजय सिंह का रोल बेहद अहम रहता है. कुछ प्वाइंट्स से समझते हैं कि संजय सिंह की गिरफ्तारी AAP के लिए झटका क्यों हैं?
1- मनीष सिसोदिया के बाद सेकंड इन कमांड बने
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी को यह दूसरा सबसे बड़ा झटका लगा है. ये झटका पार्टी से ज्यादा ये AAP के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए है, क्योंकि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद संजय सिंह ही केजरीवाल के सेकंड इन कमांड बन गए थे. पार्टी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संजय सिंह के कंधों पर थी. पार्टी के अहम फैसलों में संजय सिंह की भूमिका होती थी.
2. हिंदी भाषी राज्यों में संजय सिंह को AAP ने आगे रखा
संजय सिंह यूपी के सुल्तानपुर से आते हैं. साल 2011 में वह दिल्ली में अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में शामिल हुए. नवंबर 2012 में जब आम आदमी पार्टी का गठन हुआ, तो वह मुख्य सदस्यों में से थे. राज्यसभा सदस्य संजय सिंह आम आदमी पार्टी के सबसे मुखर नेता माने जाते हैं. लिहाजा वह पार्टी की ओर से कई मुद्दों पर खुलकर बोलते हैं. हिंदी भाषी राज्यों की राजनीति में संजय सिंह की सक्रियता साफ तौर पर नजर आती है. लिहाजा पार्टी भी उन्हें आगे रखती है.

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