संगठन से सरकार तक... मिशन 2024 की माइक्रो प्लानिंग में जुटी BJP, UP में क्लीन स्वीप का प्लान!
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बीजेपी 2024 के लोकसभा को लेकर पूरी तरह से कमर कस कर मैदान में उतर चुकी है. संगठन से लेकर योगी सरकार तक माइक्रो प्लानिंग के साथ काम कर रही है और सियासी माहौल बनाने के लिए योगी कैबिनेट के सभी मंत्रियों को जिम्मा सौंपा ही गया है, साथ ही मुख्यमंत्री और दोनों डिप्टी सीएम भी मोर्चा संभालेंगे. मंत्रियों को मंडल की जिम्मेदारी दी गई है तो सीएम और डिप्टी सीएम 25-25 जिले की निगरानी करेंगे?
उत्तर प्रदेश में बीजेपी 2024 में क्लीन स्वीप को लेकर सियासी तानाबाना बुन रही है. बीजेपी ने संगठन के साथ जमीनी स्तर पर भी माइक्रो प्लानिंग पर काम शुरू कर दिया है. सीएम योगी ने सोमवार को तीसरी बार अपने मंत्रियों के मंडल प्रभार में परिवर्तन करते हुए एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया. मंत्री तो मंडलों और जिलों का दौरे करेंगे ही, साथ ही अब मुख्यमंत्री और दोनों डिप्टी सीएम भी मोर्चा संभालेंगे. इस तरह योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों के जरिए यूपी में व्यवस्थाओं की समुचित समीक्षा करने और खुद जमीनी फीडबैक प्राप्त कर करने का प्लान तैयार किया है.
योगी सरकार 2.0 के गठन के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव 2022 के लोक कल्याण संकल्प पत्र के संकल्पों को पांच साल की बजाए दो वर्ष में यानी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पूरा करने का टारगेट रखा है. ऐसे में सभी विभागों से 100 दिन, छह माह, एक साल, दो वर्ष व पांच वर्ष की कार्ययोजना तैयार कराई गई. यह कार्ययोजना तय समय के साथ साकार होती चले, जिसके लिए योगी आदित्यनाथ ने अपने 18 कैबिनेट मंत्रियों को एक-एक मंडल का प्रभार सौंप रखा है.
18 कैबिनेट मंत्रियों को मंडलों का प्रभारी नियुक्त किया गया
योगी सरकार के 18 कैबिनेट मंत्रियों को 18 मंडलों का प्रभारी नियुक्त किया गया है. उनके साथ राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और राज्यमंत्री लगाए गए. अब तक दो-दो मंडलों का दौरा मंत्री कर चुके हैं. ऐसे में तीसरी बार योगी कैबिनेट मंत्रियों के मंडलों के प्रभार भी बदल दिए गए हैं. इस तरह सरकार का प्रयास है कि लोकसभा चुनाव से पहले नवंबर, 2023 तक सभी कैबिनेट मंत्री प्रत्येक मंडल के प्रभारी का दायित्व निभा लें. मंडल के प्रभारी मंत्री अपने प्रभार वाले क्षेत्र में विकास कार्य योजनाओं की समीक्षा करने के साथ-साथ सामाजिक समीकरण को मजबूत करने के लिए किसी दलित या अतिपछड़े वर्ग से घर पर रुकते हैं और वहीं पर भोजन करते हैं.
वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बार उत्तर प्रदेश के 75 जिलों को तीन हिस्सों में बांट दिया है. सूबे के 25 जिलों की निगरानी खुद सीएम योगी करेंगे तो 25-25 जिले का जिम्मा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के पास होगा ताकि योजनाओं को तेजी से धरातल पर उतारते हुए व्यवस्थाओं की पैनी निगरानी की जा सके. इसलिए सीएम और डिप्टी सीएम भी सभी जिलों का दौरा करेंगे.
माना जाता है कि इसके पीछे सरकार की मंशा यही है कि अलग-अलग जिलों में चल रहे विकास कार्यों की निगरानी बारीकी से की जा सके. सीएम और दोनों डिप्टी सीएम के बीच भी जिलों के प्रभार का बदलाव रोटेशन के साथ होगा. सरकार से लेकर बीजेपी संगठन तक यूपी में 2024 तक पूरी तरह सक्रिय रहना चाहते हैं, जिसके लिए सिर्फ कैबिनेट मंत्रियों का जिम्मा नहीं बल्कि स्वतंत्र प्रभार और राज्यमंत्री को भी जिम्मा सौंपा गया.
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