
श्रीलंका की बदहाली के लिए राजपक्षे परिवार का राज कितना ज़िम्मेदार
BBC
श्रीलंका अपनी आज़ादी के बाद के सबसे बड़े आर्थिक संकट में अचानक नहीं घिरा, इसकी आहट बहुत पहले से मिल रही थी, जिसे राजपक्षे सरकार ने अनसुना कर दिया.
श्रीलंका - हिंद महासागर में भारत का पड़ोसी देश. नीले समुद्र के बीच और हरे-भरे पेड़-पौधों से सज़ा ये ख़ूबसूरत द्वीप अपनी प्राकृतिक सुंदरता की वजह से सदियों से दूर-दराज़ के पर्यटकों को लुभाता रहा है. मगर अभी वहाँ से जैसी ख़बरें आ रही हैं, उसमें शायद ही कोई सैलानी श्रीलंका की ओर जाने की सोच रहा होगा.
अंग्रेज़ों की डेढ़ सौ साल की हुकूमत से 1948 में बाहर निकला श्रीलंका अपनी आज़ादी के बाद के सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है.
खाने-पीने के सामान, दूध, गैस, केरोसिन तेल और दवाओं जैसी ज़रूरी चीज़ों की कीमतें आसमान छू रही हैं. 12-13 घंटे यानी आधे-आधे दिन तक बिजली गुल चल रह रही है, पेट्रोल-डीज़ल के लिए ऐसी मारामारी है कि पेट्रोल पंपों पर सेना तैनात करनी पड़ी है.
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परेशान लोग सड़कों पर उतर चुके हैं, वो राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से गद्दी छोड़ने की माँग कर रहे हैं, वो नारे लगा रहे हैं - 'गो गोटाबाया गो'. पिछले सप्ताह प्रदर्शनकारियों ने कोलंबो में राष्ट्रपति के घर के बाहर धरना दिया, और इसके अगले ही दिन शुक्रवार की रात को राष्ट्रपति राजपक्षे ने देश में आपातकाल लगा दिया.