![श्रावस्ती: बाढ़ में नाव पलटने से लेखपाल लापता, साथियों ने तैरकर बचाई जान](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202210/lekhpal_new-sixteen_nine.jpg)
श्रावस्ती: बाढ़ में नाव पलटने से लेखपाल लापता, साथियों ने तैरकर बचाई जान
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श्रावस्ती के अशरफ नगर में आई बाढ़ में एक नाव पलट गई. इसमें एक लेखपाल लापता हो गए हैं. उनकी तलाश शुरू कर दी गई है. उनके साथियों ने तैरकर अपनी जान बचाई. वे यहां बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री देने के लिए आए हुए थे. राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने से यहां बाढ़ आ गई है.
यूपी के श्रावस्ती (shravasti) में लगातार हो रही बारिश के कारण बड़ी घटना हुई है. अशरफ नगर में फंसे ग्रामीणों को राहत सामग्री बांटने गए लेखपाल चंद्रभूषण तिवारी बाढ़ में नाव पलटने के बाद लापता हो गए हैं. नाव में पंचायत सहायक रोजगार सेवक सहित अन्य लोग भी सवार थे. इन लोगों ने किसी तरह तैरकर अपनी जान बचाई है.
लेखपाल पानी में डूब गए हैं. लेखपाल की तलाश की जा रही है, लेकिन अभी तक उनका कोई पता नहीं चला है. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे. देखें वीडियो:-
जानकारी के लिए बता दें कि श्रावस्ती में बीते 36 घंटे से तेज बारिश हो रही है. नेपाल से सटे होने से कारण श्रावस्ती में हर साल बरसात के समय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. नेपाल और पहाड़ी इलाकों से आए पानी के राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है.
राप्ती का जलस्तर खतरे के निशान 127.70 को पार कर 1.30 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है. जमुनहा तहसील के दर्जनों गांव के अंदर तक भी पानी पहुंच गया है. जमुनहा-बहराइच के साथ मल्हीपुर-भिनगा मुख्य मार्ग पर पानी का बहाव तेज हो गया है.
राप्ती के बते जलस्तर के चलते प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. जिला प्रशासन की ओर से लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही जिले की डीएम नेहा प्रकाश स्वयं बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रही हैं. लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी जा रही है. साथ ही सभी पुलिस चौकियों को अलर्ट किया गया है.
वहीं, इकौना कस्बे सहित ग्रामीण क्षेत्र के भी दर्जनों से ज्यादा गांव, विद्यालय, थाना और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी राप्ती के जलस्तर से प्रभावित हुए हैं. इन सभी जगहों पर पानी भर गया है. गांव से बाहर सुरक्षित स्थान पर लोग जा रहे हैं, तो कई लोग अपने घरों के छत पर पानी कम होने का इंतजार कर रहे हैं.
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