‘शोर मचाने से मरा आदमी,जिंदा नहीं हो जाएगा’- कोरोना मौतों पर खट्टर
The Quint
Covid-19 Death Data: मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि यह संकट का समय है और ऐसेमें हमें डेटा के साथ नहीं खेलना है. Manohar Lal Khattar said that it is a time of crisis and in such a situation we do not have to play with the data.
देश में कोरोना महामारी से होने वाली मौतों के सरकारी आंकड़ों को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इस बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि ये संकट का समय है और ऐसे में हमें डेटा के साथ नहीं खेलना है. हमारी कोशिश होनी चाहिए कि लोगों को इस महामारी से कैसे बचाया जाए.‘महामारी के समय में मौतों की संख्या से न खेलें’कोरोना वायरस की दूसरी लहर में कोविड संक्रमण से होने वाली मौतों पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रतिक्रिया दी.“ये संकट का समय है और इस वक्त हमें डेटा से नहीं खेलना है. हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम लोगों को कैसे इस महामारी से बचाएं. हमारे शोर मचाने से मरे हुए आदमी जिंदा नहीं हो जाएंगे. इसलिए इस समय कोरोना से होने वाली मौतों पर बहस करने का कोई मतलब नहीं बनता है.”मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री, हरियाणामुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि, इस महामारी से निपटने के लिए हम अपनी ओर से कोशिश कर रहे हैं और कोरोना महामारी के बारे में किसी को पता नहीं था. कोविड से पैदा हुए हालात से निपटने के सिए सबके सहयोग की जरूरत है. इसलिए इस वक्त कोरोना महामारी से जुड़ी मौतों के आंकड़े पर बहस करने की आवश्यकता नहीं है.रिपोर्ट्स में मौतों के सरकारी आंकड़ों पर सवालदेश में COVID-19 संक्रमण की वजह से हो रही मौतों के सरकारी आंकड़ों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. कब्रिस्तानों और श्मशान घाटों पर लोगों से हुई बातचीत के आधार पर कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि कोरोना वायरस के चलते हुईं मौतों की 'वास्तविक संख्या' सरकारी आंकड़ों से बहुत ज्यादा है.अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) के मुताबिक, मिशिगन यूनिवर्सिटी में महामारी एक्सपर्ट भ्रमर मुखर्जी, जिन्होंने भारत के हालात पर करीबी नजर बनाई हुई है, ने कहा, ‘’यह डेटा का पूरी तरह से कत्ल है. हमने जो भी मॉडलिंग की हैं, उनके आधार पर हम मानते हैं कि मौतों की सही संख्या उससे 2 से 5 गुनी है, जो बताई जा रही है.’’वहीं अंग्रेजी अखबार द हिंदू ने 16 अप्रैल का एक उदाहरण देकर बताया है कि COVID-19 की वजह से मौतों की ‘वास्तविक संख्या’ और सरकारी आंकड़ों में कैसे बड़ा अंतर है. अखबार के मुताबिक, उस दिन गुजरात सरकार के हेल्थ बुलेटिन में 78 मौतों की जानकारी दी गई थी, जबकि 7 शहरों - अहमदाबाद, सूरत, र...More Related News