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'शॉक्ड हूं, मेरे भाषण के एक बड़े हिस्से को कार्यवाही से हटाया गया', राहुल गांधी ने स्पीकर को लिखी चिट्ठी
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राहुल गांधी ने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने इस बात पर आपत्ति दर्ज की है कि लोकसभा में दिए गए उनके भाषण का एक बड़ा हिस्सा कार्यवाही से हटा दिया गया. राहुल ने उस हिस्से को दोबारा शामिल करने का अनुरोध भी किया है.
लोकसभा में दिए गए राहुल गांधी के भाषण से एक बड़ा हिस्सा हटाए जाने पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने अपना विरोध जाहिर करते हुए लोकसभा स्पीकर को एक चिट्ठी भी लिखी है. चिट्ठी में राहुल ने कहा है कि वह इस बात से शॉक्ड हैं कि उनके भाषण के एक बड़े हिस्से को संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया है.
राहुल गांधी ने अपनी चिट्ठी में लिखा,'मैं यह पत्र राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मेरे भाषण से निकाली गई टिप्पणियों और अंशों के संदर्भ में लिख रहा हूं. हालांकि, सभापीठ को सदन की कार्यवाही से कुछ टिप्पणियों को निकालने की शक्ति हासिल है, लेकिन इसमें केवल उन शब्दों को निकालने का प्रावधान है, जिनकी प्रकृति लोकसभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमों के नियम 380 में निर्दिष्ट की गई है.'
'भाषण का हिस्सा हटाने पर स्तब्ध हूं'
राहुल गांधी ने चिट्ठी में आगे लिखा,'हालांकि, मैं यह देखकर स्तब्ध हूं कि किस तरह मेरे भाषण के एक बड़े हिस्से को कार्यवाही से निकाल दिया गया और उसे अंश हटाने की आड़ में हटा दिया गया. मैं 2 जुलाई को लोकसभा में हुई बहस के कुछ अंश संलग्न कर रहा हूं, जिन्हें संशोधित नहीं किया गया है. मैं यह कहने के लिए बाध्य हूं कि हटाए गए अंश नियम 380 के दायरे में नहीं आते हैं. मैं सदन में जो संदेश देना चाहता था, वह जमीनी हकीकत है, तथ्यात्मक स्थिति है.'
'लोगों की चिंताओं को उठाना अधिकार'
चिट्ठी में राहुल गांधी ने लिखा,'सदन का प्रत्येक सदस्य जो लोगों की सामूहिक आवाज का प्रतिनिधित्व करता है, जिसका वह प्रतिनिधित्व करता है, उसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 105 (1) के अनुसार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हासिल है. सदन में लोगों की चिंताओं को उठाना प्रत्येक सदस्य का अधिकार है. यह वही अधिकार है. देश के लोगों के प्रति अपने दायित्वों का पालन करते हुए, जिसका मैं कल प्रयोग कर रहा था.'
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