'शेख हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा बड़ा लेकिन प्रभावित नहीं होगी भारत-बांग्लादेश की दोस्ती', बोलीं पूर्व बांग्लादेशी दूत
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मशफी बिन्ते शम्स ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण एकमात्र मुद्दा नहीं है, और दोनों देश अपने 'बहुआयामी' संबंधों के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'शेख हसीना का प्रत्यर्पण अभी बांग्लादेश सरकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.' उन्होंने कहा कि अल्पकालिक स्थितियों पर ध्यान देने के बजाय, दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक संबंधों पर ध्यान देना चाहिए.
भारत में बांग्लादेश की पूर्व डिप्टी हाई कमिश्नर मशफी बिन्ते शम्स ने कहा कि हालांकि शेख हसीना का भारत से प्रत्यर्पण एक प्रमुख मुद्दा है, लेकिन इससे नई दिल्ली और ढाका के बीच संबंधों में कोई तनाव नहीं आया है क्योंकि यह रिश्ता 'लंबे समय से चल रहा है और पिछले 50 वर्षों में लगातार विकसित हुआ है.'
'दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक संबंधों पर ध्यान देना चाहिए'
मशफी बिन्ते शम्स ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण एकमात्र मुद्दा नहीं है, और दोनों देश अपने 'बहुआयामी' संबंधों के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'शेख हसीना का प्रत्यर्पण अभी बांग्लादेश सरकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.' उन्होंने कहा कि अल्पकालिक स्थितियों पर ध्यान देने के बजाय, दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक संबंधों पर ध्यान देना चाहिए.
भारत ने बढ़ाई वीजा की अवधि
भारत ने बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के वीजा की अवधि बढ़ा दी है. शेख हसीना पिछले साल अगस्त से भारत में रह रही हैं. भारत सरकार की तरफ से यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब ढाका की अंतरिम सरकार उनके प्रत्यर्पण की मांग कर रही है.
शेख हसीना 5 अगस्त को हिंडन एयरबेस पर पहुंची थीं और तब से दिल्ली में सख्त सुरक्षा के बीच एक सुरक्षित स्थान पर रह रही हैं. नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 23 दिसंबर को भारत के विदेश मंत्रालय से शेख हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था.
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