
'शेख हसीना की क्रूर तानाशाही ने देश की हर संस्था को बर्बाद कर दिया', ढाका में बोले मोहम्मद यूनुस
AajTak
यूनुस ने आरोप लगाया, 'सत्ता में बने रहने के अपने प्रयासों में, शेख हसीना की तानाशाही ने देश की हर संस्था को नष्ट कर दिया. न्यायपालिका को बिल्कुल तोड़ दिया गया. डेढ़ दशक की क्रूर कार्रवाई से लोकतांत्रिक अधिकारों को दबा दिया गया.' हसीना जून 1996 से जुलाई 2001 तक और फिर जनवरी 2009 से अगस्त 2024 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री थीं.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने रविवार को आरोप लगाया कि शेख हसीना की 'क्रूर तानाशाही' ने डेढ़ दशक के लंबे शासनकाल के दौरान देश की लगभग हर संस्था को नष्ट कर दिया और चुनावों में 'खुले तौर पर धांधली' हुई.
शेख हसीना के इस्तीफे और उनके भारत भागने के बाद अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभालने के 10 दिन बाद यूनुस ने पहली बार ढाका में विदेशी राजनयिकों को ब्रीफ किया. 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता ने देश के पुनर्निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन मांगा.
'हम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराएंगे'
यूनुस ने ढाका में भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा सहित राजनयिकों को आश्वासन दिया कि जल्द उनका प्रशासन 'स्वतंत्र, निष्पक्ष और भागीदारीपूर्ण' चुनाव कराएगा. उन्होंने कहा, 'क्रांतिकारी छात्र चाहते हैं कि हम सार्थक और गहरे सुधार करें, जो देश को एक संपन्न लोकतंत्र में बदल दें. यह काम बहुत बड़ा है लेकिन सभी लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन से संभव है.'
'देश की हर संस्था को नष्ट कर दिया'
यूनुस ने आरोप लगाया, 'सत्ता में बने रहने के अपने प्रयासों में, शेख हसीना की तानाशाही ने देश की हर संस्था को नष्ट कर दिया. न्यायपालिका को बिल्कुल तोड़ दिया गया. डेढ़ दशक की क्रूर कार्रवाई से लोकतांत्रिक अधिकारों को दबा दिया गया.' हसीना जून 1996 से जुलाई 2001 तक और फिर जनवरी 2009 से अगस्त 2024 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री थीं.

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.