
शीतला अष्टमी या बसौड़ा के दिन मां की पूजा के बाद जरूर करें ये कार्य, जल्द स्वीकार होगी पूजा
ABP News
होली से सात दिन बाद आठवें दिन शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाता है. रंगोत्सव होली चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है. वहीं, शीतला अष्टमी चैत्र माह की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है.
होली से सात दिन बाद आठवें दिन शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाता है. रंगोत्सव होली चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है. वहीं, शीतला अष्टमी चैत्र माह की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. शीतला अष्टमी को बसौड़ा भी कहा जाता है.मां शीतला को आरोग्य प्रदान करने वाली देव के रूप में माना जाता है. इस दिन मां को बासी खाने का भोग लगाया जाता है. मान्यता है कि मां शीतला जिस पर अपनी कृपा बरसाती हैं, उनके सभी रोग दूर कर देती हैं. बता दें कि स्कंद पुराण में मां शीतला को चेचक, खसरा और हैजा जैसी बीमारियों से बचाने वाली देवी कहा गया है.
इस बार शीतला अष्टमी 25 मार्च, शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां की कृपा पाने के लिए शीतला मां की पूजा के बाद शीतलाष्टक स्तोत्र का पाठ जरूर करें. मान्यता है कि इसकी रचना भगवान शंकर ने जनकल्याण के लिए की थी. इसमें मां शीतला की महिमा का गुणगान किया गया है. नियमित रूप से इसकी पाठ करने से माता शीतला की कृपा बनी रहती है. शीतला अष्टमी के दिन से इसकी शुरुआत कर सकते हैं.