शिवसेना की सत्ता और 'मराठी मानुस' को नौकरी देने से इनकार! 18 फरवरी को मार्च करेंगे पीड़ित
NDTV India
मुंबई महानगरपालिका (BMC) के शिक्षा विभाग के एक नियम को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं. बीएमसी के स्कूलों में 252 शिक्षकों के चयन होने के बावजूद उन्हें नौकरी इसलिए नहीं दी जा रही है, क्योंकि उन्होंने अपने स्कूल की पढ़ाई मराठी माध्यम (Marathi Medium) से की थी, अंग्रेज़ी (English) से नहीं. बीएमसी में 25 साल से शिवसेना (Shiv sena) सत्ता में है जिसकी शुरुआत मराठी मानुस के मुद्दे से हुई थी, इसलिए बीएमसी के इस नियम पर अब सवाल उठाया जा रहा है. अब 18 फरवरी को पीड़ित उम्मीदवार मार्च करेंगे और सीएम उद्धव ठाकरे को अपनी व्यथा सुनाएंगे.
मुंबई महानगरपालिका (BMC) के शिक्षा विभाग के एक नियम को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं. बीएमसी के स्कूलों में 252 शिक्षकों के चयन होने के बावजूद उन्हें नौकरी इसलिए नहीं दी जा रही है, क्योंकि उन्होंने अपने स्कूल की पढ़ाई मराठी माध्यम (Marathi Medium) से की थी, अंग्रेज़ी (English) से नहीं. बीएमसी में 25 साल से शिवसेना (Shiv sena) सत्ता में है जिसकी शुरुआत 'मराठी मानुस' के मुद्दे से हुई थी, इसलिए बीएमसी के इस नियम पर अब सवाल उठाया जा रहा है. अब 18 फरवरी को पीड़ित उम्मीदवार मार्च करेंगे और सीएम उद्धव ठाकरे को अपनी व्यथा सुनाएंगे.More Related News