शिवपाल की ‘घर वापसी’ BJP को नहीं आई रास! सिक्योरिटी घटी, योगी ने दी जांच को हरी झंडी
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मुलायम सिंह यादव के निधन से रिक्त हुई मैनपुरी सीट पर हो रहे उपचुनाव में सपा से डिंपल यादव मैदान में है तो बीजेपी से रघुराज शाक्य कैंडिडेट हैं. मुलायम की विरासत बचाने के लिए शिवपाल यादव और अखिलेश यादव एक साथ खड़े नजर आ रहे हैं, जो बीजेपी को रास नहीं आ रहा है. जिसके बाद अब शिवपाल यादव को लेकर बीजेपी और योगी सरकार के तेवर सख्त हो गए हैं.
उत्तर प्रदेश की सियासत में दोराहे पर खड़े शिवपाल यादव ने मैनपुरी उपचुनाव में बीजेपी के बजाय अपने परिवार को तवज्जे दी है. शिवपाल यादव बहू डिंपल यादव को मैनपुरी में जिताने के लिए ताबड़तोड़ जनसभाएं कर रहे हैं और गांव-गांव घूमकर वोट मांग रहे हैं. बीजेपी से मुंह मोड़ने और मैनपुरी में डिंपल यादव को जिताने में जुटे शिवपाल यादव की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं.
शिवपाल यादव की सुरक्षा में पहले कटौती की गई और दूसरे दिन योगी सरकार ने गोमती रिवर फ्रंट मामले में शिवपाल और दो आला अधिकारियों से पूछताछ की अनुमति सीबीआई को दे दी है. इतना ही नहीं मैनपुरी सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निशाने पर सबसे ज्यादा शिवपाल यादव ही रहे. ऐसे में साफ जाहिर होता है कि कुछ सालों से बीजेपी के आंखों के तारा बने शिवपाल यादव को लेकर योगी सरकार के तेवर सख्त हो गए हैं.
शिवपाल से बीजेपी को थी बड़ी आस
बता दें कि उत्तर प्रदेश सियासत में शिवपाल के कदम साल 2017 से डगमगाते रहे हैं. वह कभी दो कदम आगे चलते हैं तो कभी पीछे. सपा से अलग होकर उन्होंने पार्टी बनाई, लेकिन 2022 के चुनाव में ऐन वक्त पर सपा के साथ चले गए. अखिलेश ने शिवपाल यादव को मनमाफिक तवज्जो नहीं दी. सपा ने शिवपाल के किसी भी करीबी नेता को चुनाव नहीं लड़ाया. इसके बाद शिवपाल ने अखिलेश पर धोखा देने का आरोप लगाया और फिर बीजेपी की ओर कदम बढ़ाए.
शिवपाल यादव ने विधानसभा सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शान में कसीदे पढ़े और अखिलेश यादव को लेकर सख्त रुख अपनाया. ऐसे में बीजेपी को शिवपाल यादव से उम्मीदें लगा बैठी, लेकिन मुलायम सिंह के निधन के बाद ट्रनिंग प्वाइंट आया. मैनपुरी उपचुनाव में डिंपल यादव कैंडिडेट बनी तो चाचा-भतीजे के बीच रिश्ते में जमी बर्फ पिघली. रिश्तों की इस डोर ने भी शिवपाल के कदम को बीजेपी की ओर बढ़ने से रोक दिया. शिवपाल ने मैनपुरी सीट पर पूरी तन्मयता के साथ डिंपल को जिताने में लगे हैं.
शिवपाल की सुरक्षा में कटौती शिवपाल यादव की हुई 'घर वापसी' अब न बीजेपी को रास आ रही है और न ही यूपी सरकार को पच रही है. यही वजह है कि योगी सरकार के तेवर शिवपाल को लेकर सख्त हो गए हैं. सोमवार को शिवपाल यादव की सुरक्षा में कटौती की गई. सरकार ने शिवपाल की सुरक्षा जेड श्रेणी से घटाकर वाई श्रेणी की कर दी है. इसके कुछ देर बाद ही सीएम योगी सपा के गढ़ करहल में गरजे तो उनके निशाने पर शिवपाल यादव ही रहे.
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