
शाह फ़ैसल: अमेरिका को आँख दिखाने वाले सऊदी अरब के शाह की हत्या क्यों हुई थी
BBC
शाह फ़ैसल उन शासकों में से थे, जिन्हें काफ़ी प्रगतिशाली माना जाता था और उन्होंने एक बार अमेरिका को भी चेतावनी दे डाली थी.
उस साल रबी-उल-अव्वल (इस्लामिक साल का महीना) की 12 तारीख़ को, इस्लाम के पैग़ंबर के जन्म के दिन, सऊदी अरब के शाह फ़ैसल लोगों से मिल रहे थे और कुवैत का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने के लिए वेटिंग हॉल में उनका इंतज़ार कर रहा था. शाह फ़ैसल के भतीजे फ़ैसल बिन मुसाइद कुवैत के उस प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत कर रहे थे. जब प्रतिनिधिमंडल का शाह फ़ैसल से मिलने का समय आया, तो शाह फ़ैसल अपने भतीजे से मिलने के लिए आगे बढे. उसी समय भतीजे ने अचानक अपने जुब्बे से रिवॉल्वर निकाली और शाह फैसल को दो गोलियाँ मार दी. हमलावर ने पहली गोली उनकी ठोड़ी और दूसरी कान पर मारी. कहा जाता है कि एक तीसरी गोली भी चली थी, जो उन्हें नहीं लगी थी. शाह के एक बॉडीगार्ड ने फ़ैसल बिन मुसाइद पर तलवार का वार किया, जो अभी तक म्यान में ही थी. वहाँ मौजूद देश के पेट्रोलियम मंत्री ने गार्ड से चिल्ला कर कहा कि शहज़ादे को मारना मत. उस समय फ़ैसल बिन मुसाइद इत्मीनान से वहीं खड़े रहे और गार्डों ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया. शाह़ फ़ैसल को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वो ज़ख्मों को बर्दाश्त नहीं कर सके और उनकी मौत हो गई. दो दशकों से अधिक समय से सऊदी अरब में पत्रकारिता करने वाले विश्लेषक राशिद हुसैन की एक ऐसे व्यक्ति से अच्छी तरह जान पहचान थी, जो उस समय शाह फ़ैसल के बहुत क़रीब खड़े थे. वह व्यक्ति तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री अहमद ज़की यमानी थे, जो ओपेक के प्रतिनिधिमंडल को, जिसमें कुवैत के मंत्री भी शामिल थे, शाह फ़ैसल से मिलवा रहे थे.More Related News