![शाह-पवार की 'कथित' मुलाकात से उपजे सवाल और उनके जवाबों में छुपा सियासी बवाल](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202103/sharad_mh_0-sixteen_nine.jpg)
शाह-पवार की 'कथित' मुलाकात से उपजे सवाल और उनके जवाबों में छुपा सियासी बवाल
AajTak
महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे वक्त से जारी हलचल के बीच एक ‘कथित मुलाकात’ सुर्खियां बटोर रही है. महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल का दावा है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार, उनके सहयोगी प्रफुल पटेल ने 26 मार्च की रात को अहमदाबाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है.
महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे वक्त से जारी हलचल के बीच एक ‘कथित मुलाकात’ सुर्खियां बटोर रही है. महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल का दावा है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार, उनके सहयोगी प्रफुल्ल पटेल ने 26 मार्च की रात को अहमदाबाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. हालांकि, पाटिल ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि इस मुलाकात में बिजनेसमैन गौतम अडानी भी मौजूद थे या नहीं. लेकिन चंद्रकांत पाटिल से अलग इस मीटिंग से संबंध रखने वाले किसी भी व्यक्ति ने बैठक को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं किया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जरूर कहा है कि सभी बातें सार्वजनिक नहीं की जा सकती हैं. दूसरी ओर एनसीपी प्रमुख शरद पवार जिनकी तबीयत खराब है, उनकी ओर से भी कोई बयान जारी नहीं किया गया है. इस बैठक में शामिल होने वाले प्रफुल्ल पटेल ने ऑन रिकॉर्ड इस बैठक लेकर कुछ नहीं कहा है, हालांकि सूत्रों का कहना है कि शरद पवार-प्रफुल्ल पटेल ने गौतम अडानी से मुलाकात की थी. लेकिन अमित शाह से मुलाकात को लेकर कुछ कन्फर्म नहीं है. सूत्रों के दावों से इतर एनसीपी के नवाब मलिक ने ऑन रिकॉर्ड ऐसी किसी भी मीटिंग के ना होने का ही दावा किया है. इन सब से अलग अगर ऐसी कोई मीटिंग हुई है, तो इसके पीछे क्या मायने हो सकते हैं इसपर भी नज़र डालने की जरूरत है. राजनीति में अक्सर ऐसा होता है कि पक्ष और विपक्ष के नेता लगातार आपस में मिलते हैं और कई मुद्दों पर मंथन करते हैं. खासकर शरद पवार की राजनीति यही है कि वो कभी भी किसी के लिए अपने दरवाजे बंद नहीं करते हैं. फिर चाहे वो अहमद पटेल हों या रामदास अठावले, या फिर बाल ठाकरे, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी जैसे दिग्गज ही क्यों ना हों. मुलाकात की ये बात बाहर क्यों आई? साल 2019 में जब शरद पवार की ओर से कांग्रेस और शिवसेना को एक साथ लाकर सरकार बनाने पर मंथन चल रहा था, उसी दौर में एनसीपी अलग लेवल पर भाजपा के संपर्क में भी थी. जिसका असर दिखा था कि अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर तीन दिन की सरकार बना ली थी. सरकार बनने या बिगड़ने तक बीजेपी या एनसीपी ने किसी भी तरह की हवा नहीं लगनी दी. लेकिन इस बार हालात अलग निकले क्योंकि मुलाकात होने के कुछ ही पल में सबकुछ छन-छन सामने आ गया था. जिसे माना जा रहा है कि एनसीपी की ओर से महाराष्ट्र विकास अघाड़ी को एक इशारा था कि कुछ भी हो सकता है. वो भी तब जब सचिन वाजे कांड के बाद कांग्रेस-शिवसेना महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा लेने पर अड़ी थी और शरद पवार अपने मंत्री के साथ खड़े हैं. क्या अपनी लीक से हटकर चलेंगे शरद पवार? अबतक सिर्फ साल 2014 में ऐसा हुआ है जब शरद पवार ने आधिकारिक रूप से बीजेपी के साथ जाने की बात कही हो, तब शिवसेना-बीजेपी के झगड़े के बीच एनसीपी ने देवेंद्र फडणवीस को बाहर से समर्थन देने की बात कही थी. इस मौके के अलावा हमेशा शरद पवार ने गांधी परिवार से विवादों के बावजूद कांग्रेस के साथ जाना ही सही समझा है. उम्र के इस पड़ाव पर भी शरद पवार ने जब महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना को एक धागे में पिरोया तो उनकी इस रणनीति की गूंज पूरे देश में गूंजी. लेकिन अब क्या शरद पवार फिर भाजपा के साथ जाकर अपनी इस इमेज को तोड़ना चाहेंगे? बीजेपी में कई लोग कहते हैं कि शरद पवार और भाजपा कभी भी एक साथ आ सकते हैं, क्योंकि एनसीपी प्रमुख अपनी बेटी को दिल्ली में मंत्री पद दिलवाना चाहते हैं ताकि पार्टी आगे बढ़ सके. लेकिन शरद पवार महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस को सीएम के रूप में नहीं देखना चाहते हैं. अगर बीजेपी ये शर्त मान लेती है तो वो दिन दूर नहीं जब दोनों पार्टियां साथ होंगी. लेकिन इस सबके के बावजूद सवाल वही है कि क्या शरद पवार इस उम्र में वही कदम उठाएंगे जो उन्होंने अभी तक नहीं किया लेकिन अक्सर उसका शक उनपर जाता रहा. अक्सर ये देखा गया है कि गठबंधन की सरकार तभी गिरती है, जब कोई साथी ये सोचता है कि सरकार में रहकर भी उसका लक्ष्य पूरा नहीं हो रहा है. लेकिन शॉर्ट टर्म पॉलिटिक्स के इस वक्त में पाला बदलना कोई बड़ी बात नहीं है. लेकिन मौजूदा वक्त में महाराष्ट्र की सत्ता में विराजमान तीनों पार्टियों का एक ही गोल दिख रहा है कि बीजेपी को सत्ता से बाहर रखा जाए. जब तक ये लक्ष्य पूरा हो रहा है, तबतक महाराष्ट्र विकास अघाड़ी की सरकार चल सकती है. तबतक ऐसी कथित बैठकों के कई तरह के मायने हो सकते हैं.![](/newspic/picid-1269750-20250217052745.jpg)
अमेरिका से अवैध प्रवासियों का तीसरा जत्था रविवार शाम अमृतसर पहुंचा. ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अबतक कुल 332 लोग अमेरिका से भारत डिपोर्ट किए जा चुके हैं. 'ड्रीम अमेरिका' की कई खबरें सोशल मीडिया पर तैर रही हैं. लोग लाखों रुपये खर्च करके अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचे थे. लेकिन अब उन्हें वापस भेजा जा रहा है.
![](/newspic/picid-1269750-20250217040855.jpg)
दिल्ली में सोमवार सुबह भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए. कई सेकंड तक धरती डोलती रही. लोग दशहत में अपने घरों से बाहर निकल गए. ष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Centre For Seismology) के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई. मगर इस भूकंप का केंद्र कहां था? जानने के लिए देखें वीडियो.
![](/newspic/picid-1269750-20250217022844.jpg)
दिल्ली में सोमवार सुबह भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए. कई सेकंड तक धरती डोलती रही. लोग दशहत में अपने घरों से बाहर निकल गए. ष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Centre For Seismology) के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई. मगर इस भूकंप का केंद्र कहां था? जानने के लिए देखें वीडियो.