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शाहीन बाग से जहांगीरपुरी तक... चर्चा में आने वाला PFI आखिर है क्या?
AajTak
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा की जांच अब PFI के एंगल से भी हो रही है. PFI एक इस्लामिक संगठन है, जिसकी स्थापना 2006 में हुई थी. PFI पर अक्सर देशविरोधी गतिविधि में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं.
सीएए-एनआरसी के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में धरना हो या हनुमान जयंती के अवसर पर जहांगीरपुरी में हिंसा...पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI चर्चा में आ ही जाता है. इससे पहले जब कर्नाटक में हिजाब विवाद गहराया था, तब बीजेपी और हिंदू संगठनों ने PFI पर ही मुस्लिम छात्राओं को भड़काने का आरोप लगाया था.
दरअसल, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया 22 नवंबर 2006 को तीन मुस्लिम संगठनों के मिलने से बना था. इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिता नीति पसरई साथ आए. PFI खुद को गैर-लाभकारी संगठन बताता है.
PFI में कितने सदस्य हैं, इसकी जानकारी संगठन नहीं देता है. हालांकि, दावा करता है कि 20 राज्यों में उसकी यूनिट है. शुरुआत में PFI का हेडक्वार्टर केरल के कोझिकोड में था, लेकिन बाद में इसे दिल्ली शिफ्ट कर लिया गया. ओएमए सलाम इसके अध्यक्ष हैं और ईएम अब्दुल रहीमान उपाध्यक्ष.
PFI की अपनी यूनिफॉर्म भी है. हर साल 15 अगस्त को PFI फ्रीडम परेड का आयोजन करता है. 2013 में केरल सरकार ने इस परेड पर रोक लगा दी थी. वो इसलिए क्योंकि PFI की यूनिफॉर्म में पुलिस की वर्दी की तरह ही सितारे और एम्बलम लगे हैं.
विवाद का दूसरा नाम है PFI
PFI को अगर विवाद का दूसरा नाम कहा जाए, तो गलत नहीं होगा. PFI के कार्यकर्ताओं पर आतंकी संगठनों से कनेक्शन से लेकर हत्याएं तक के आरोप लगते हैं. 2012 में केरल सरकार ने हाईकोर्ट में बताया था कि हत्या के 27 मामलों से PFI का सीधा-सीधा कनेक्शन है. इनमें से ज्यादातर मामले RSS और CPM के कार्यकर्ताओं की हत्या से जुड़े थे.
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